SUCCESS STORY: चाय बेचने वाले ने बिना कोचिंग लगातार 3 बार क्रैक की यूपीएससी परीक्षा, पहले आईपीएस फिर बने आईएएस, प्रेरणादायक है हिमांशु की कहानी

भारत में हर साल लाखों उम्मीदवार यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होते हैं, लेकिन उनमें केवल वहीं उम्मीदवार इस परीक्षा को पास कर पाते हैं, जो परीक्षा की तैयारी के पहले दिन से लेकर इंटरव्यू देने तक दृण संकल्प के साथ कड़ी मेहनत करते हैं। परीक्षा पास करने का सपना तो लाखों उम्मीदवार देखते हैं, लेकिन परीक्षा पास वहीं उम्मीदवार कर पाते हैं, जो इस परीक्षा की डिमांड के अनुसार सही रणनीति से साथ परीक्षा की तैयारी करते हैं। हालांकि कुछ उम्मीदवारों का जज्बा ही कुछ इस कदर होता है कि उन्हें देश की सबसे कठिन परीक्षा भी बेहद आसान नजर आती है। दरअसल आज हम आपको ऐसा ही जज्बा रखने वाले आईएएस हिमांशु गुप्ता के बारे में बताएंगे, जो कभी रोड के किनारे चाय बेचा करते थे, उन्होंने यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा तीन बार क्रैक कर आईएएस का पद हासिल किया है।

रोजाना स्कूल जाने के लिए तय करते थे 70 किलोमीटर

दरअसल, गरीब से अमीर बनने की सफलता की कहानियां सबसे प्रेरणादायक और प्रेरक होती हैं।ऐसी ही एक असाधारण कहानी है आईएएस हिमांशु गुप्ता की। उत्तराखंड के उधमसिंह जिले के सितारगंज में जन्मे हिमांशु का पालन-पोषण बरेली जिले के एक छोटे से शहर सिरौली में हुआ था। उनका बचपन बेहद संघर्षों के साथ बीता, क्योंकि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी। उन्हें स्कूल जाने के लिए रोजाना 70 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता था। उन्होंने अपने पिता के साथ सड़क किनारे एक छोटी सी दुकान पर चाय भी बेची। अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए उन्होंने ट्यूशन भी पढ़ाया।

यहां के हासिल की शिक्षा

ऐसी कई चुनौतियों के बावजूद, हिमांशु ने दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज से पढ़ाई की और अच्छी नौकरी हासिल की। लेकिन उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा की तैयारी करने का फैसला किया। अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए, उन्होंने बाद में एक सरकारी कॉलेज में रिसर्च स्कॉलर के रूप में काम किया।

बिना कोचिंग तीन बार क्रैक की यूपीएससी परीक्षा

इसके बाद हिमांशु ने बिना कोचिंग के तीन बार यूपीएससी परीक्षा पास की। पहले प्रयास में, उन्होंने सिविल सेवा के लिए क्वालीफाई तो कर लिया, लेकिन केवल आईआरटीएस (IRTS) के लिए चयनित हुए। इसलिए उन्होंने परीक्षा की तैयारी जारी रखी और साल 2019 यूपीएससी परीक्षा में 309वीं रैंक हासिल कर आईपीएस (IPS) बन गए। हालांकि, वह अपने इस परिणाम से भी खुश नहीं थे। इसलिए उन्होंने अपने आखिरी प्रयास में फिर से यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा दी और आखिरकार साल 2020 में ऑल इंडिया 139वीं रैंक के साथ भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी बनने की अपनी आकांक्षा हासिल की।

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