लावारिस अस्थियों को मां गंगा में पूर्ण वैदिक विधि विधान से विसर्जित किया गया, स्वामी अमृतानंद देवतीर्थ ने कहा सनातन धर्म की परंपरा का निर्वहन कर रहे हैं, ऐसे लोगों का कार्य वंदनीय और पूजनीय

हरिद्वार । हिन्दी कश्मीरी संगम और धर्म यात्रा महासंघ द्वारा बुधवार को कनखल के सती घाट पर लावारिस अस्थियों को मां गंगा में पूर्ण वैदिक विधि विधान से विसर्जित किया गया। इस मौके पर शारदा सर्वज्ञ पीठ के स्वामी अमृतानंद देवतीर्थ ने कहा कि जो सनातन धर्म की परंपरा का निर्वहन कर रहे हैं, ऐसे लोगों का कार्य वंदनीय और पूजनीय है। किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर पूजा माई ने कहा कि लावारिस अस्थियों को मोक्ष दिलाने में उन्होंने बड़ा कोई काम नहीं किया, केवल दिल्ली से अस्थियां लाने में सहयोग किया है। दिल्ली से हरिद्वार आकर अस्थि विसर्जन के कार्य में सहयोग किया है। रानीपुर विधायक आदेश चौहान ने कहा भारत के विभिन्न राज्यों से लावारिस अस्थियों को लाकर मां गंगा में विसर्जित करने के लिए वे दोनों संगठनों का हार्दिक आभार व्यक्त करते हैं। कार्यक्रम संयोजक डा. बीना बुंदकी ने कहा कि जीवनकाल में सभी लोग साथ रहते हैं। किन्तु मरणोपरांत मनुष्य के कर्म ही उनके साथ जाते हैं। वर्तमान में उन्होंने लावारिसों को अपना कंधा देकर मां गंगा की गोद में अर्पित किया है। पंडित जितेन्द्र शास्त्री और पंडित नितिन माना ने पूर्ण विधि विधान से अस्थियों को मां गंगा में प्रवाहित कराया। इस दौरान डा. रजनीकांत शुक्ला, काशीनाथ, अशोक अग्रवाल, रुपेन्द्र गुप्ता, ललिता मिश्रा, संध्या कौशिक, जानकी प्रसाद, यशपाल, मंजू अग्रवाल, सुषमा मिश्रा, चन्द्र प्रकाश शुक्ला आदि शामिल रहे।

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