गैंगस्टर और भूमाफिया यशपाल तोमर के साथ सांठगांठ रखने पर सख्ती, दो आईएएस-आईपीएस के परिजनों पर केस, मुकदमे के बाद राज्य की नौकरशाही में मचा हड़कंच
देहरादून । गैंगस्टर और भूमाफिया यशपाल तोमर यूपी और राजस्थान ही नहीं उत्तराखंड में भी अपनी बेहद मजबूत पकड़ा रखता था। उसके उत्तराखंड के कई नेताओं नौकरशाहों से भी बेहद करीबी रिश्ते थे। सूत्रों के अनुसार इसी के दम पर इन अधिकारियों ने अपने रिश्तेदारों के नाम पर करोड़ों की संपत्तियां यूपी और उत्तराखंड में करवाईं।नोएडा में दो आईएएस और एक आईपीएस के रिश्तेदारों के खिलाफ संपत्तियां गलत तरीके से अर्जित करने का मुकदमा दर्ज हुआ है। इस मुकदमे के बाद राज्य की नौकरशाही में हड़कंच मच गया है। यशपाल तोमर के खिलाफ उत्तराखंड एसटीएफ ने बड़ी कार्रवाई की थी। इसके तहत उसकी हरिद्वार स्थित करोड़ों की संपत्तियों को सीज करने की कार्रवाई चल रही है।साथ ही उसके लिए हनी ट्रैप लगानी वाली तीन हसीनाओं की भी उत्तराखंड एसटीएफ तलाश कर रही है। हरिद्वार जेल में बंद यशपाल तोमर की करीब 153 करोड़ की संपत्तियों की जब्ती की कार्रवाई भी चल रही है। यशपाल तोमर का उत्तराखंड में काफी ज्यादा प्रभाव और दखल था। इसके चलते उसने कई नेताओं, नौकरशाहों और पुलिस अधिकारियों में अच्छी पकड़ बना ली थी।बाद में उनके पद और रुतबे का इस्तेमाल कर तोमर ने यहां भी कई व्यापारियों को अपने जाल में फंसाया और उनकी संपत्तियां अपने नाम करने के साथ ही उनसे पैसे भी एंठे। सूत्रों का कहना है कि इन अधिकारियों की सरपरस्ती से ही वह हरिद्वार और उसके आसपास लंबे समय तक अपनी गुंडागर्दी से जमीनें कब्जाने में लगा रहा। सूत्रों के अनुसार गैंगस्टर यशपाल तोमर जिस समय मेरठ से गिरफ्तार हुआ, उस वक्त उसके साथ राज्य के एक पूर्व मुख्य सचिव भी थे। वह लंबे समय से उससे जुड़े हैं। यही नहीं कुछ वर्तमान आईएएस और आईपीएस के साथ ही ये पूर्व आईएएस और कई अन्य अधिकारी यशपाल के लिए थिंक टैंक का काम करते थे।