27 साल बाद पकड़ा गया ढाई हजार का इनामी, फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सेना में नौकरी पाने के मामले में फरार चल रहा था आरोपी
रुड़की । फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सेना में नौकरी पाने के मामले में फरार चल रहे इनामी आरोपी को पुलिस ने 25 साल बाद मध्य प्रदेश से गिरफ्तार किया है। आरोपी मूल रूप से टिहरी जिले का निवासी है। फरारी के दौरान उसने मध्य प्रदेश में ही शादी कर ली। सिविल लाइंस कोतवाली में पत्रकार वार्ता में एसपी क्राइम प्रदीप कुमार राय ने बताया कि 1993 में कर्नल नवकेश सिंह बीईजी सेंटर रुड़की की ओर से गुलाब सिंह निवासी गांव सिलोगी, जिला टिहरी गढ़वाल के खिलाफ तहरीर दी थी। इसमें बताया गया कि आरोपी ने धोखाधड़ी से नौकरी पाने के उद्देश्य से अपनी जन्मतिथि बदलकर फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत किए। सिविल लाइंस कोतवाली में मुकदमा दर्ज कर चार्जशीट कोर्ट में भेजी गई थी। आरोपी फरार हो गया। 2005 में कोर्ट ने उसे फरार घोषित कर दिया। उस पर ढाई हजार का इनाम घोषित किया गया था। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमें लगातार दबिश दे रही थी। वह अपना नाम और पता बदलकर पुलिस को चकमा देता रहा। डीजीपी के आदेश पर एसएसपी ने इनामी अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए टीमें बनाई। टीम ने गुलाब सिंह के टिहरी गढ़वाल के सिलोगी गांव के घर में भी दबिश दी। किसी ने भी उसके जिंदा होने और कहीं और रहने की बात नहीं बतायी। आरोपी 1993 में ही अपना गांव छोड़कर नागपुर चला गया था। उसके बाद वह अलग-अलग जगह रहा। बाद में वह जबलपुर, मध्य प्रदेश चला गया। अलग-अलग होटलों में रहकर अपना नाम बदलकर नौकरी करता रहा। पुलिस को आरोपी के माने गांव थाना रांझी, जबलपुर मध्य प्रदेश में होने की जानकारी मिली। इस पर पुलिस टीम ने दबिश देकर उसे गिरफ्तार कर लिया। एसपी क्राइम ने बताया कि करीब 27 साल बाद आरोपी पकड़ा गया। डीआईजी नीरू गर्ग ने पुलिस टीम को ढाई हजार इनाम देने की घोषणा की है।
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