शहर विधायक और मेयर की नजदीकी नहीं आ रही है कुछ लोगों को रास, पूर्व में कराते रहे हैं यही लोग तकरार

रुड़की । शहर विधायक प्रदीप बत्रा और मेयर गौरव गोयल के करीबी रिश्ते कईयों को रास नहीं आ रहे हैं। वह समझ नहीं पा रहे हैं कि यह रिश्ते इतने मजबूत क्यों हो गए। दरअसल ,नगर निगम के पिछले दो दशक के कार्यकाल पर एक नजर डालें तो कभी भी विधायक और मेयर के रिश्ते इतने अच्छे नहीं रहे । जितने कि फिलहाल शहर विधायक प्रदीप बत्रा और मेयर गौरव गोयल के हैं। वर्ष 2003 पर ही गौर कर लिया जाए तब चेयरमैन दिनेश कौशिक और विधायक को सुरेश जैन के बीच जबरदस्त गतिरोध रहा। कई बार मामले शासन तक पहुंचे। इससे पहले इंजीनियर राजेश गर्ग और विधायक रामसिंह सैनी के बीच टकराव की स्थिति रही। वर्ष 2008 में चेयरमैन प्रदीप बत्रा और विधायक सुरेश चंद जैन के बीच जबरदस्त खींचतान रही। तब भी यहां के कई मामले शासन तक पहुंचे। वर्ष 2013 में मेयर यशपाल राणा और शहर विधायक प्रदीप बत्रा के बीच बात-बात पर टकराव होता रहा। यानी कि इतना लंबा समय आपसी खींचतान में ही चला गया। जिसका सीधा प्रभाव शहर के विकास पर पड़ा। हालांकि मेयर और विधायक के बीच खुद कभी टकराव नहीं हुआ । टकराव दूसरे लोग ही कराते रहे। इसमें कुछ तो नगर निगम बोर्ड में आने वाले शकुनी पार्षद शामिल रहे तो कुछ नगर निगम के अधिकारी कर्मचारी। इस बार भी कुछ शकुनी नगर निगम बोर्ड में पहुंचे हैं। एक दो नये शकुनी बनने की कोशिश कर रहे हैं। नगर निगम अधिकारी कर्मचारियों का मानना यह रहा कि यदि मेयर और विधायक के बीच गतिरोध बना रहेगा। बात बात पर टकराव होगा तो ऐसे में उनके हित सुरक्षित रहेंगे। इससे उन पर न तो काम के लिए दबाव पड़ेगा और ना ही उनके गलत काम पर किसी की निगाह जाएगी । बहुत सारे अधिकारी कर्मचारी ऐसे देखे गए हैं जो कि सुबह को मेयर के पास रहते थे तो दोपहर को विधायक के दस्तक देते थे और रात को शकुनी पार्षदों के पास बैठकर अगले विवाद का आधार ढूंढते थे। ऐसे अधिकारी कर्मचारी बहुत लंबे समय से नगर निगम में सक्रिय रहे हैं । नगर निगम की सियासत से जुड़े रहे लोग मानते हैं कि पिछले दो दशक में अधिकतर विवाद नगर निगम के अधिकारियों कर्मचारियों ने ही कराए हैं । जिसमें विधायक और मेयर के बीच टकराव बना रहा । मेयर से पत्र पर साइन करा लिए जाकर विधायक को दिखा दिए। कई बार तो ऐसा हुआ कि अधिकारी कर्मचारियों ने मेयर को कह दिया कि उन्हें विधायक बुरा भला कह रहे थे और कई बार विधायक को बता दिया कि मेयर उनके बारे में कुछ कुछ कह रहे थे । रही बात शकुनी पार्षदों की । उनका भी यही मानना रहा है कि यदि मेयर और विधायक के बीच रिश्ते अच्छे रहेंगे तो उनकी पूछ नहीं होगी। यदि इनके बीच टकराव की स्थिति रहेगी तो उनकी दोनों खेमों में पूछताछ बड़ी ही रहेगी। बहुत सारे मामले ऐसे हैं जिसमें की शकुनी पार्षदों ने विधायक और मेयर के बीच उत्पन्न टकराव का लाभ उठाया । अपने काम निकलवाए। एक दूसरे के सामने चुगलखोरी कर विकास के लिए भी अधिक बजट आवंटित करा दिया। अपने ठेकेदारों को भी इसी नीति के तहत अधिक काम दिला दिया। जो कार्य नियमानुनुसार नहीं हो सकते थे । वह कार्य नगर निगम कार्यालय से करा लिए। अब शहर विधायक प्रदीप बत्रा और मेयर गौरव गोयल के बीच आपसी समझदारी बनी हुई है। जो कि नगर निगम के कुछ अधिकारी -कर्मचारियों के साथ ही शकुनी पार्षदों को रास नहीं आ रही है। तिराहों और चौराहों पर यह चर्चा भी कर रहे हैं कि विधायक और मेयर के बीच कब तक बेहतर रिश्ते रहेंगे। इनका मानना है कि ऐसे में उनकी ही नहीं चल। दरअसल, रुड़की शहर विधायक प्रदीप बत्रा और नवनिर्वाचित मेयर गौरव गोयल के बीच कभी भी कोई भी गतिरोध नहीं रहा है जब गौरव गोयल भाजपा के जिला महामंत्री रहे तो तब भी उनके शहर विधायक से अच्छे रिश्ते रहे। यदि शहर के प्रति दोनों के विजन को देखे तो वह भी एक ही जैसे हैं। दोनों रुड़की को मॉडल सिटी बनाना चाहते है। हालांकि नगर निगम की सियासत इस बार भी शांत रहने वाली नहीं है । यह बात अलग है कि उठापटक शहर विधायक और मेयर के कारण नहीं होगी। पूर्व की तरह सत्ता का एक कोण नगर निगम की सियासत को पूरी तरह प्रभावित करेगा। जैसे कि भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष एवं भाजपा के मेयर प्रत्याशी रहे मयंक गुप्ता भाजपा के पार्षदों को जिस तरह से एकजुट रख रहे हैं। उससे उनके इरादे साफ जाहिर हो रहे हैं। वह नगर निगम में भाजपा का रुतबा बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं । इसी क्रम में उनके द्वारा शासन से भाजपा कार्यकतार्ओं को पार्षद नामित कराने के प्रयास भी तेज कर दिए गए हैं। सूत्रों का कहना है कि यदि शहर विधायक प्रदीप बत्रा और मेयर गौरव गोयल के बीच कोई किसी तरह की खटपट नहीं होती है तो निश्चित रूप से शकुनी पार्षद और नगर निगम के संबंधित अधिकारी कर्मचारी मयंक गुप्ता खेमे के संपर्क में पहुंच जाएंगे। ताकि नगर निगम में पूर्ण जैसा विवाद बना रहे। जबकि शहर के संभ्रांत नागरिक चाहते हैं कि विकास के लिए शहर विधायक प्रदीप बत्रा व मेयर गौरव गोयल मिलकर काम करना चाहिए। इसी के साथ संभ्रांत नागरिकों का यह भी कहना है कि शहर के विकास में तेजी आए। इसके लिए सत्तापक्ष के सभी नेता नगर निगम बोर्ड का हर स्तर पर साथ दें। उनका कहना है कि शहर विधायक और मेयर के बीच अच्छी समझदारी होना शहर के विकास की दृष्टि से शुभ संकेत है। इससे किसी को परेशान नहीं होना चाहिए।

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