एकता का मुख्य स्तंभ भारत का संविधान है: श्रीगोपाल नारसन, केंद्रीय विद्यालय 1 में भारतीय संविधान की 70वीं सालगिरह के अंतर्गत अतिथि वक्ता भाषण का आयोजन
रुड़की । केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 1 रुड़की में भारतीय संविधान को स्वीकार करने की 70वीं सालगिरह के अंतर्गत वर्ष भर चलने वाले समारोह के तहत अतिथि वक्ता के भाषण का आयोजन किया गया। आज के अतिथि वक्ता के रूप में गोपाल नारसन अधिवक्ता एवं समाजसेवी आमंत्रित थे। सर्वप्रथम उप प्राचार्या अंजू सिंह ने प्रातः कालीन सभा में अतिथि को पुस्तक प्रदान कर उनका औपचारिक स्वागत किया। तत्पश्चात संविधान के ऊपर बोलते हुए आज के मुख्य वक्ता गोपाल नारसन ने विद्यार्थियों को संविधान के मौलिक कर्तव्यों और अधिकारों की विस्तृत व्याख्या बड़े ही सरल शब्दों में समझाया | उन्होंने हमारे मौलिक अधिकारों के बारे में बताते हुए ये कहा कि हमारे अधिकार उसी सीमा तक सही है जहाँ तक उससे किसी को कोई हानि या भावनाओं को ठेस ना पहुचे |उन्होंने बताया कि दुनिया भर के तमाम संविधानों को बारीकी से परखने के बाद बाबा साहेब डॉ.राव अंबेडकर ने भारतीय संविधान का मसौदा तैयार किया था 126 नवंबर 1949 को इसे भारतीय संविधान सभा के समक्ष लाया गया। इसी दिन संविधान सभा ने इसे अपना लिया हमें हमेशा अपने देश और उसके संविधान का आदर करना है। इस अवसर पर विद्यालय की उप प्राचार्या अंजू सिंह ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत का संविधान हम भारत के सभी लोगों को धर्म, जाति अमीर गरीब से ऊपर उठाकर समानता का अधिकार देता है ऐसे कार्यक्रम से विदयार्थियों को अपने संविधान के बारे में जानने का मौका मिलता है | कार्यक्रम के अंत में उप प्राचार्या श्रीमती अंजू सिंह ने अतिथियों को धन्यवाद् देते हुए विद्यार्थियों को अपने देश के संविधान का हमेशा सम्मान करने को तथा साथ में मिलकर रहने को प्रेरित किया कार्यक्रम का संचालन श्रीमती पूनम कुमारी एवं श्रीमती सोनाली भारद्वाज ने किया। इस अवसर पर एस के दीक्षित, रजनी जोशी, देबी सिंह, गुलशन खान, सुशील कुमार सहित समस्त विद्यालय स्टाफ उपस्थित रहा।