उत्तरांचल विश्वविद्यालय देहरादून में दीक्षांत समारोह का आयोजन, राज्यपाल ने छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक, पीएचडी एवं स्नातक स्नातकोत्तर उपाधियां की वितरित

देहरादून । राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) मंगलवार को उत्तरांचल विश्वविद्यालय देहरादून के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए। दीक्षांत समारोह के दौरान उन्होंने छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक, पीएचडी एवं स्नातक स्नातकोत्तर उपाधियां वितरित की।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने सभी छात्र-छात्राओं को बधाई एवं उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि छात्रों के लिए यह समय टर्निंग पॉइन्ट है, और आज का युवा बहुत ही शिक्षित है और जोश में है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र को नई ऊँचाइयों तक ले जाने के लिए युवा तैयार हो रहा है, और यह इस देश के लिए भी टर्निंग पॉइन्ट है।

सभी छात्रों को अपने भीतर की शक्ति को पहचानना है, और अपनी शिक्षा को उत्कृष्टता तक पहुंचाना है। राज्यपाल ने मेडल पाने वालों में छात्राओं की संख्या 70 प्रतिशत से अधिक होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि आज का युग महिलाओं के लिए है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की बेटियां, पूरे विश्व में अलग हैं। उनकी कार्यक्षमता और सहनशीलता अलग ही स्तर की है। राज्यपाल ने सभी छात्र-छात्राओं से समय की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए नई तकनीक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मेटावर्स और रोबोटिक्स की दिशा में विशेष फोकस करने की बात कही। उन्होंने कहा कि अपनी शिक्षा को विशेषज्ञता के स्तर तक ले जाना है। आज राष्ट्र की आवश्यकता अनुसंधान और नवाचार है। उन्होंने कहा कि प्राचीन काल से हमारा देश शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी रहा है। हमारी संस्कृति, सभ्यता, ग्रंथ, वेद और पुराण ज्ञान के भंडार हैं। अपनी संस्कृति से जुड़े रहकर हमें अपने लक्ष्यों को हासिल करना है। अपने संबोधन के दौरान राज्यपाल ने सभी छात्र-छात्राओं से नशे से दूर रहने की बात कही।

राज्यपाल ने छात्र-छात्राओं को राष्ट्र की महत्ता समझाते हुए राष्ट्र को सर्वोपरि बताया। उन्होंने कहा कि हमें सिर्फ अपने सपनों को पूरा करने के बजाय राष्ट्र, समाज और परिवार के सपनों को पूरा करने के लिए स्वयं को तैयार करना है। उन्होंने कहा कि सीखना जीवंत पर्यन्त प्रक्रिया है। हमें लगातार खुद को अपडेट करते रहना है। राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 21वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखण्ड का दशक बताया है। और इस दिशा में उत्तराखण्ड लगातार प्रगति कर रहा है।

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