रुड़की में कलश यात्रा के साथ महारुद्र यज्ञ शुरू, कलश यात्रा में 500 से अधिक महिलाओं ने लिया हिस्सा
रुड़की । रुड़की में प्रथम बार आयोजित होने जा रहे महारुद्र यज्ञ के निमित कलश यात्रा निकाली गई। सर्वप्रथम पवित्र कलश का नहर किनारे सत्यनारायण मंदिर पर मंत्र उच्चारण के साथ पुरोहितों द्वारा पूजा अर्चना की गई। इसके पश्चात ढोल नगाड़ों के साथ महिलाओं ने सर पर पवित्र कलश रखकर कलश यात्रा प्रारंभ की। कलश यात्रा के आगे आगे शिव बारात में बहुत सुंदर झांकी चल रही थी। उसके पीछे रथ पर आचार्य रमेश सेमवाल एवं आचार्य रजनीश शास्त्री विराजमान थे अंत में बैंड बाजों और ढोल नगाड़ों के साथ-साथ जूना खड़े के वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरी महाराज रथ पर विराजमान होकर चल रहे थे। इस अवसर पर स्वामी यतींद्रानंद गिरी महाराज ने कहा कि जो महिलाएं इस पवित्र कलश को रखकर कलश यात्रा में प्रतिभाग करती हैं। उनके सारे कष्ट मिट जाते हैं ऐसा शास्त्रों में कहा गया है। इस कलश यात्रा में 500 से अधिक महिलाओं ने हिस्सा लिया एवं कलश में पवित्र जल लेकर जीवनदीप आश्रम तक कलश यात्रा निकाली गई जहां पर सभी पुरोहितों की उपस्थिति में महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रनंद गिरि जी महाराज द्वारा वेद मंत्र उच्चारण के साथ कलश स्थापना की गई। इस अवसर पर स्वामी यतींद्रानंद गिरी महाराज ने कहा की महारुद्र यज्ञ में भाग लेने से न सिर्फ हमारा तन मन सब शुद्ध हो जाता है अपितु हमारे आसपास का वातावरण भी शुद्ध हो जाता है यज्ञ में आहुति डाल देने से ही भक्तों के जन्मों के कष्ट मिट जाते हैं और मंटो चरण के सुनने मात्र से मोक्ष प्राप्ति होती है, कलश यात्रा में भाग लेने वालों में रेलवे बोर्ड सदस्य पूजा नंदा, सुदर्शना रोमा सैनी,बबीता तायल, सारिका नीलम चौधरी, कलश यात्रा की व्यवस्था देख रहे आयोजन समिति के सदस्य,अक्षय प्रताप सिंह, संजीव ग्रोवर, अरविंद कश्यप, मोहित भारद्वाज,सौरभ सिंघल,नवीन जैन, पंकज नंदा,अनु अत्रे, बृजमोहन सैनी, प्रदीप वधावन,बिट्टू गुलाटी, प्रदीप सचदेवा, निशांत बिरला, सुभाष सरीन,योगेश सिंघल तथा सैकड़ो की संख्या में भक्ता एवं श्रद्धालु उपस्थित रहे।