प्रकृति का संरक्षण ही भगवान शिव की सच्ची आराधना: डाॅ सुनील कुमार बत्रा, नागपंचमी पर श्रद्धालुओं ने किया पौधारोपण
हरिद्वार । आज नाग पंचमी है भगवान शिव भोलेनाथ का अतुलनीय हार गले में नागो का स्वच्छंद विचरण भगवान भोलेनाथ प्रकृति पालक एवं प्रकृति के देवता है। सावन मास जब प्रकृति पूर्ण रूप से पुष्पित एवं पल्लवित होती दिखाई देती है। प्रकृति का संरक्षण ही भगवान शिव की सच्ची आराधना है। प्रकृति हमारी माँ है और उसके बिना हमारा अस्तित्व सम्भव नहीं है। यदि हम उसके विरूद्ध जायेंगे और अपने लालच की पूर्ति के लिए उसके ससांधनों का अंधाधुंध दोहन करेंगे तो हम अपने विनाश को निमंत्रण देंगे। शनिवार को नागपंचमी के अवसर पर प्राचार्य डाॅ सुनील कुमार बत्रा ने पौधारोपण किया । इस दौरान उन्होंने कहा कि आज प्रातः इन्दू एनक्लेव पार्क में दो पौधे एक आंवला और एक आम का पौधारोपण किया । वास्तव में धरती मां हम सभी मानव जाति के साथ-साथ जीवो पर अतुलनीय कृपा करती है इसी के द्वारा हमारा लालन, पालन ,पोषण ,अनाज और शुद्ध वायु ,पानी हमें प्राप्त होते हैं जिनका मूल्य हमें तभी पता लगता है जब उसकी कमी हमें जीवन में प्रतीत होती है। वहीं दूसरी ओर शिव मंदिर समिति कलालहटी की ओर से पौधारोपण किया गया। इस दौरान श्रद्धालुओं ने पर्यावरण संरक्षण की शपथ ली।
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