राम कथा केवल आध्यात्म के लिए नहीं बल्कि, तमाम पीढ़ियों में राम को जानने के लिए, कवि कुमार विश्वास ने हरकी पैड़ी पर की राम कथा, अमृत रस धारा में मंत्रमुग्ध हुए श्रोता

 

हरिद्वार । कवि कुमार विश्वास ने आज हरकी पैड़ी स्थित मालवीय द्वीप पर आयोजित राम कथा में कहा कि कथा केवल आध्यात्म के लिए नहीं बल्कि, तमाम पीढ़ियों में राम को जानने के लिए है। मानस की पंक्ति ‘मंगल भवन अमंगल हारी, द्रवहु सुदशरथ अजर बिहारी’ और बाबा तुलसी की रचना रामचरितमानस के दोहों के साथ कथा का आरंभ हुआ तो हरकी पैड़ी की दो धाराओं के बीच से जय-जयकार उठने लगी। सियावर रामचंद्र की जय की ध्वनि और गूंजते स्वर के साथ पहले दिन की कथा का आरंभ हुआ। कवि कुमार विश्वास ने न केवल श्रोताओं और दर्शकों का मन मोह लिया, बल्कि उन्होंने आध्यात्म और उसके सन्मार्ग पर भी विस्तार से चर्चा की। कथा आयोजन की मुख्य पृष्ठिभूमि तैयार करने वाली श्री गंगा सभा का उन्होंने आभार जताया और महामना पंडित मदन मोहन मालवीय के विचारों को आत्मसात करने के लिए प्रेरित किया। पहले दिन अपने-अपने राम की उत्प्रेरक भावना और उद्देश्य से संगीतमयी कथा में उन्होंने भगवान श्रीराम के आदर्श और गंगा के महात्म्य का बखान किया। उन्होंने कहा कि धर्मशास्त्र कहता है कि पितृ परंपरा को संजोकर रखना ही वास्तविक धर्मार्थ है। उन्होंने कहा कि कृपा वितरित करने वाली माता सौ पुत्रों को तारती हैं तो आज जगत का कल्याण कर रही हैं। यह सौभाग्य है कि उन्हें कथा करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। कहा कि माता पार्वती को भी शिव ने यहीं से कथा सुनाई और कलियुग का मर्म बताया। भगवान शिव को प्रणाम करते हुए कहा कि सामान्य विद्यारथी, सामान्य कवि को आज गंगा तट से कथा करने का सौभाग्य मिला यह उनके पूर्वजों के आशीर्वाद है। रामकथा सुंदर कर तारी, संशय बिहग उड़ावनिहारी दोहे के साथ उन्होंने कथा का वृतांत शुरू किया। कथा के दौरान जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद, श्रीगंगा सभा अध्यक्ष नितिन गौतम, महामंत्री तन्मय वशिष्ठ, उज्जवल पंडित आदि मौजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share