समानता, मनुष्य के अधिकारों एवं सामाजिक न्याय के ध्वजवाहक थे बाबा साहब: मदन कौशिक
हरिद्वार । भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष हरिद्वार विधायक मदन कौशिक ने आज अम्बेडकर पार्क कड़च्छ, अंबेडकर पार्क टिबड़ी, रविदास मन्दिर कनखल तथा देवपुरा हरिद्वार में कार्यकर्ताओं के साथ भारतीय संविधान के शिल्पकार, ‘भारत रत्न’ बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की जयंती पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की।
कनखल स्थित रविदास मंदिर में स्वच्छता अभियान भी चलाया गया इस अवसर पर भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं हरिद्वार विधायक मदन कौशिक ने कहा कि हम सब को बाबा साहब अंबेडकर के बताए गए मार्ग पर चलने की आवश्यकता है। अंबेडकर जी के विचारों पर चलने वाला एकमात्र राजनीतिक दल भाजपा ही है। भारतीय जनता पार्टी की केंद्र एवं राज्य सरकारों ने बाबा साहब की स्मृतियों से जुड़े स्थानों को सहेजकर पंचतीर्थ का निर्माण किया है। वास्तव में पंचतीर्थ का निर्माण ही इस महामानव को सच्ची श्रृद्धांजलि है।
बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने ना सिर्फ देश के संविधान को बनाया बल्कि समरसता के उस भाव को भी आगे बढ़ाया है, जो भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। अंबेडकर ऐसे महापुरुष थे जिन्होंने देश की अखंडता एवं एकता के लिए सतत प्रयास किया, उन्होंने ऐसे संविधान का निर्माण किया जिसमें से सभी वर्गों को समानता का भाव मिले। कांग्रेस ने हमेशा बाबा साहब का अपमान किया और उनके बनाए गए संविधान को बदलने के लिए प्रयास कर रही है। बाबा साहब डॉ.भीमराव अंबेडकर ने कश्मीर में धारा 370 को सिर्फ तात्कालिक रूप से लागू करने कहा था और वह इस धारा को स्थायी रूप से नही चाहते थे। लेकिन कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में धारा 370 को समाप्त नही करने की बात की है। इसी तरह भारत के संविधान में देशद्रोह की जिस धारा को लागू किया गया था, उसे भी कांग्रेस समाप्त करना चाहती है। भाजपा के जिला उपाध्यक्ष विकास तिवारी ने कहा कि कांग्रेस नहीं चाहती थी कि बाबा साहब मंत्री बनें, लेकिन जब सरकार बनी तो मजबूरी में उन्हें कानून मंत्री बनाना पड़ा। उन्होंने कहा कि बाबा साहब ने सामाजिक समरसता को बढ़ाने और भेदभाव की खाई पाटने के लिए देश को सशक्त संविधान दिया। भाजपा के मध्य हरिद्वार मंडल अध्यक्ष तुशांक भट्ट द्वारा अंबेडकर जी के जीवन मे प्रकाश डालते हुए कहा गया कि हम भाग्यशाली है कि विश्व के ज्ञान प्रतीक डॉ.भीमराव अंबेडकर का जन्म मध्यप्रदेश की धरती में महू नामक स्थान पर 14 अप्रैल 1891 में हुआ था। सन 1907 में मुंबई से मैट्रिक पास कर 1912 में स्नातक की परीक्षा पास की फिर मुंबई विश्वविद्यालय से 1915 में स्नातकोत्तर की परीक्षा उत्तीर्ण कर अमेरिका के कोलंबिया विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की, जिसमे उनके शोध का विषय था ब्रिटिश भारत मे प्रांतीय वित्त का विकेंद्रीकरण रहा। भाजपा के कनखल मंडल अध्यक्ष प्रशांत शर्मा ने कहा कि अंबेडकर जी को भारतीय संविधान का शिल्पकार भी कहा जाता है। जिसके आधार पर आज भारत देश की प्रशासनिक व्यवस्था चल रही है जिसमे सभी प्रकार से सभी वर्गों को समान अवसर दिए गए है। आज विश्व के कई देशों में अंबेडकर की प्रतिमा लगाई गई है, यहां तक कि विश्व की सबसे प्रसिद्ध अमेरिका की कोलंबिया यूनिवर्सिटी में मुख्य द्वार में अंबेडकर की प्रतिमा लगाई गई है।