मिट्टी के दीपक जलाने से आता है सौभाग्य, दीवाली के अवसर पर मिट्टी के दीपक जलाने की परंपरा रही उसे आगे बढ़ाने की जरूरत, चैयरमेन अनिल चौहान ने कहा सावधानी से मनाएं दीपावली का त्योहार
बहादराबाद । पर्यावरण के संरक्षण के लिए इस बार दीवाली मिट्टी के दीपक जलाकर मनाएं। साथ ही पटाखे जलाने से बचें। बहुउद्देशीय सहकारी समिति के चैयरमैन अनिल चौहान ने कहा कि पर्यावरण प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है। सरसो के तेल में मिट्टी के दीपक जलाने से पर्यावरण शुद्ध होता है। फसल अवशेष जलाने और कोरोना से पहले ही पर्यावरण खराब हो चुका है। पटाखे जलाने से पर्यावरण प्रदूषित होगा तथा बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ जाएगा। इसलिए पर्यावरण को प्रदूषित करने की बजाए उसे शुद्ध करने पर जोर दें। उन्होंने कहा कि इस दीवाली पर्यावरण संरक्षण के साथ स्वदेशी को बढ़ावा देने की पहल भी करें। चीनी लड़ियों के बजाए देश की मिट्टी से बने दीपक जलाएं। चीन के भारतीय सीमाओं में अतिक्रमण करने की कोशिश को देखते हुए सभी को चाईनीज लड़ियों का बहिष्कार कर दीवाली पर मिट्टी के दीपक जलाने चाहिए। इससे जहां चीन की अर्थव्यवस्था पर प्रहार होगा। वहीं मिट्टी के दीए बनाने वाले कुम्हारों को मदद मिलेगी। उन्होने कहा कि त्यौहारों पर घरो को सजानें वाली परम्परागंत वस्तुओं की खरीदारी मुख्यतः महिलाएं करती हैं। इसलिए महिलाओं को स्वदेशी की भावना के साथ साज सज्जा के लिए विदेशी सामान के स्थान परम्परागत देशी सामान की खरीददारी करें। चीन निर्मित उत्पादों को बहिष्कार कर स्वदेशी वस्तुओं का प्रयोग करें। दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी लगातार जनता से स्वेदशी को बढ़ावा देने की अपील कर रहे हैं। स्वदेशी को अपनाकर सभी को प्रधानमंत्री का सहयोग करना चाहिए।