कांग्रेस में जबरदस्त खींचतान, कौन होगा नेता प्रतिपक्ष अटकलें जारी, नेता प्रतिपक्ष के चयन से ही साफ हो जाएगी कांग्रेस की चुनावी रणनीति, चुनावी विशेषज्ञों की कांग्रेस हाईकमान के फैसले पर लगी निगाह
देहरादून । नेता प्रतिपक्ष के चयन को लेकर कांग्रेस में जबरदस्त खींचतान चल रही है। नाम तो कहीं चल रहे हैं लेकिन गंभीरता पूर्वक विचार भगवानपुर विधायक ममता राकेश, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह और करण सिंह महारा को लेकर हो रहा है।यदि राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो नेता प्रतिपक्ष पद के लिए भगवानपुर विधायक ममता राकेश पूरी तरह से फिट बैठ रही है। क्योंकि ममता राकेश दिग्गज नेता रहे सुरेंद्र राकेश की पत्नी है। यदि उन्हें नेता प्रतिपक्ष बनाया जाता है तो निश्चित रूप से आने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को दलित वोटों में लाभ मिलेगा। विशेषकर देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल ,उधम सिंह नगर क्षेत्र में कॉन्ग्रेस वोट खींचने में कामयाब रहेगी। ममता राकेश शिक्षक राजनीति में भी पूरा दखल रखती हैं और उनके नेता प्रतिपक्ष बनने से महिला वर्ग में भी कांग्रेस का दखल बढ़ना तय है। हालांकि कांग्रेस का एक खेमा करण सिंह माहरा के नाम की पैरवी कर रहा है तो कुछ बड़े नेता नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी प्रीतम सिंह को देकर उनकी जगह प्रदेश अध्यक्ष पद पर प्रकाश जोशी को बैठाने के प्रयास में है। वैसे गोविंद सिंह कुंजवाल और राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा के नाम भी प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए सामने आए हैं लेकिन निष्क्रियता के चलते दोनों ही नामों पर पार्टी हाईकमान में कोई खास विचार नहीं हो सका। कांग्रेस के उच्च सूत्रों ने बताया कि नेता प्रतिपक्ष के नाम का चयन एक-दो दिन में हो जाएगा। यदि यह जिम्मेदारी प्रीतम सिंह को दी जाती है तो निश्चित रूप से वर्ष 2022 के चुनाव के लिए कांग्रेस को दूसरा कोई नया कप्तान मिलेगा। इस बीच यह तय माना जा रहा है कि चुनाव संचालन समिति में बड़ी जिम्मेदारी पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को ही मिलेगी। चुनाव विश्लेषकों की निगाह कांग्रेस हाईकमान के निर्णय पर लगी हुई है। उनका मानना है कि कांग्रेस की वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस की क्या रणनीति रहेगी ,यह नेता प्रतिपक्ष के चयन में पूरी तरह साफ हो जाएगी। क्योंकि फिलहाल पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, पार्टी के सीनियर नेता प्रकाश जोशी व अन्य नेताओं का राजनीतिक वजन एक तरह से तुल रहा है। फिलहाल जिसका राजनीतिक वजन फिलहाल ज्यादा होगा तो निश्चित रूप से उसी का रुतबा वर्ष 2022 के प्रत्याशी चयन के दौरान रहेगा। कहने का मतलब साफ है कि कॉन्ग्रेस केंद्रीय हाईकमान नेता प्रतिपक्ष के चयन में जिस नेता की राय को वरीयता देगा। उसी की राय वर्ष 2022 के चुनाव में भी अव्वल रहेगी। यानी कि टिकट वितरण और चुनाव प्रबंधन उसी के हिसाब से होगा। बहरहाल, कांग्रेस के स्थानीय नेताओं की निगाह आज भी दिल्ली पर लगी रही की हाईकमान ने नेता प्रतिपक्ष के रूप में किसका चयन किया है।
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