पैरों में होने वाले ये 10 बदलाव कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के हो सकते हैं संकेत, जानिए पैरों में कैसे दिखते हैं हाई कोलेस्ट्रॉल के लक्षण
कोलेस्ट्रॉल एक वैक्सी, वसा जैसा पदार्थ है जिसे लीवर पैदा करता है। कोलेस्ट्रॉल दो प्रकार को होता है- गुड कोलेस्ट्रॉल और बैड कोलेस्ट्रॉल। गुड कोलेस्ट्रॉल बॉडी को हेल्दी रखता है जबकि बैड कोलेस्ट्रॉल धमनियों में प्लाक के निर्माण और रुकावट का कारण बन सकता है। बॉडी के लिए आवश्यक इस वैक्सी पदार्थ का बढ़ना बॉडी को नुकसान पहुंचा सकता है। खासतौर पर बेड कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना दिल की सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। ये हार्ट अटैक, स्ट्रोक या कार्डियक अरेस्ट के जोखिम को बढ़ा सकता है।
द अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी फाउंडेशन के अनुसार, कोलेस्ट्रॉल के स्तर पर ध्यान रखकर कई समस्याओं से बचा जा सकता है। कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के लक्षण बॉडी में दिखने लगते हैं सिर्फ उनपर ध्यान देने की जरूरत है। कोलोस्ट्रॉल बढ़ने के लक्षण सांस, जबड़े और बाहों पर तो दिखाई देते ही है साथ ही पैरों पर भी उसके लक्षण दिखाई देते हैं। आइए जानते हैं कि पैरों में कैसे दिखते हैं हाई कोलेस्ट्रॉल के लक्षण।
पैरों की स्किन का पतला होना, पैरों की स्किन में चमक और पीलापना आना कोलेस्ट्रोल बढ़ने के हो सकते हैं संकेत।
पैरों में ब्लड सर्कुलेशन की कमी होने से पैरों के टिशू डेड होने लगते हैं जिसे गैंग्रीन कहते हैं।
कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर पैरों पर छाले हो सकते हैं। पैरों पर ये छाले ठीक नहीं होते या बहुत धीरे-धीरे ठीक होते हैं।
पैर दर्द जो आराम करने पर दूर नहीं होता वो भी कोलोस्ट्रॉल बढ़ने के संकेत हैं।
पैरों की उंगलियों में होने वाली जलन भी कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के संकेत हैं।
कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर पैरों में ऐंठन हो सकती है।
पैर के नाखून मोटे हो सकते हैं।
कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर पैरों की उंगलियां नीली पड़ सकती हैं।
पैरों पर बालों का कम होना भी कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के संकेत हैं।
दूसरे पैर की तुलना में आपके निचले पैर या पैर के तापमान में कमी आना भी कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के संकेत हैं।
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