डायबिटीज नहीं है फिर भी क्यों बढ़ जाता है ब्लड शुगर, जानिए उम्र के अनुसार कितना होना चाहिए ब्लड शुगर रेंज
डायबिटीज के मरीजों में ब्लड में शुगर का स्तर बढ़ता है इसलिए वो शुगर की बीमारी के शिकार हैं लेकिन कुछ लोग ऐसे भी है जो टाइप 1 या टाइप 2 डायबिटीज के शिकार नहीं है लेकिन उनके ब्लड में शुगर का स्तर बढ़ने लगा है। ब्लड में शुगर के स्तर में इस बदलाव को देखकर ये लोग परेशान रहते हैं कि आखिर ये बदलाव क्यों हो रहा है। चलिए जानते हैं कि नॉन-डायबिटीज लोगों के ब्लड शुगर लेवल बढ़ने का कारण क्या है।जिन लोगों को डायबिटीज की बीमारी होती है उनके ब्लड में शुगर का स्तर घटता और बढ़ता रहता है। टाइप 1 या टाइप 2 डायबिटीज के मरीज जानते हैं कि उनके ब्लड में शुगर के स्तर में तेजी से उतार-चढ़ाव आता है जिसे कंट्रोल में रखने के लिए नियमित रूप से ब्लड टेस्ट करना जरूरी होता है। ब्लड में शुगर का स्तर दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों से प्रभावित होता है, इसलिए इसमें वृद्धि और गिरावट आना सामान्य बात है। लेकिन परेशानी तब होती है जब ब्लड में शुगर का स्तर लम्बे समय तक ज्यादा रहे।
नॉन-डायबिटीज लोगों में हाई ब्लड शुगर क्यों होती है: हाई ब्लड शुगर या हाइपरग्लेसेमिया को ऐसी स्थिति के रूप में जाना जाता है जहां ब्लड में बहुत अधिक ग्लूकोज होता है। नॉन-डायबिटीज मरीजों में ब्लड में शुगर का स्तर तनाव या फिर अन्य क्रॉनिक कंडीशन के कारण बढ़ सकता है। ब्लड में लगातार शुगर का स्तर हाई रहने से दिल, किडनी और आंखों पर असर पड़ता है। शुगर बढ़ने से दिल का दौरा पड़ने और स्ट्रॉक का खतरा बढ़ सकता है। अगर खाने के एक से दो घंटे बाद फास्टिंग ग्लूकोज का स्तर 100-125 मिलीग्राम/डीएल या 180 मिलीग्राम/डीएल से अधिक है, तो उस स्थिति को हाइपरग्लेसेमिया कहा जाता है।
नॉन-डायबिटीज रोगियों में उच्च रक्त शर्करा के कारण: नॉन डायबिटीज रोगियों में शुगर बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं लेकिन कुछ कारण बेहद महत्यपूर्ण हैं जैसे पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम,तनाव, संक्रमण, मोटापा और कुछ दवाईयों का सेवन करने से ब्लड में शुगर का स्तर बढ़ सकता है।
नॉन-डायबिटीज हाइपरग्लेसेमिया के लक्षण: नॉन-डायबिटीज हाइपरग्लेसेमिया के लक्षण डायबिटीज हाइपरग्लेसेमिया के लक्षणों के समान ही हैं जैसे अत्यधिक प्यास लगना, जल्दी पेशाब आना, धुंधली दृष्टि, मतली और उल्टी, पेट में दर्द, थकान और सिर दर्द होना शामिल हैं।
ब्लड शुगर लेवन कितना होना चाहिए
फास्टिंग में आपका ब्लड शुगर लेवल 70-100 mg/dl के बीच होना चाहिए, ये स्तर 100-126 mg/dl पर पहुंच जाए तो इसे प्री-डायबिटीज कंडीशन माना जाता है
भोजन के 2 घंटे बाद आपका शुगर लेवल 130-140 mg/dl है तो यह सामान्य है। अगर आपका शुगर लेवल 200-400 mg/dl है तो सावधानी बरतने की जरूरत है।
उम्र के मुताबिक ब्लड शुगर रेंज की बात करें तो 6-12 साल की उम्र में फास्टिंग के दौरान ब्लड शुगर 80 से 180 mg/dl होना चाहिए।
लंच के बाद यह लेवल 140 mg/dL तक जा सकता है।
डिनर के बाद 100 से 180 mg/dl तक ब्लड शुगर लेवल सामान्य माना जाता है।
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