आगे बढ़ने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग करना होगा

रुड़की । “सिविल इंजीनियरिंग कंसोर्टियम”, आई. आई. टी. रुड़की के सिविल इंजीनियरिंग विभाग की आधिकारिक सोसाइटी द्वारा “सिविल कॉन्क्लेव” आयोजित कराया गया है। यह 24 दिसंबर से शुरू होने वाला 3 दिवसीय इंटर-आईआईटी कार्यक्रम है। यह आयोजन विभिन्न सिविल इंजीनियरिंग फर्मों द्वारा प्रायोजित हुआ है, जैसे “एस एफ सी इंडिया” गोल्ड प्रायोजक के रूप में और “वाई. जी. कंसल्टिंग एंड इंजीनियर्स और “आर. के. इंजीनियर्स कांस्य प्रायोजक के रूप में। इस आॅनलाइन इवेंट का आयोजन “फोर्टिफाइंग फ्यूचर” की थीम के तहत किया जा रहा है जिसका मूल लक्ष्य भविष्य में आगे बढ़ने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग करना है। 15 से अधिक आईआईटी जैसे आईआईटी मद्रास, आईआईटी पटना, आदि के 200 से अधिक प्रतिभागी अनेक प्रतियोगिताओं में भाग लेंगे। जैसे “केस स्टडी प्रतियोगिता”, “रिसर्च वर्क”, “सीक द सिविल गीक”, “डिजाइन डिफरेंट ” आदी । जीआर इंफ्राप्रोजेक्ट्स फॉरेस्ट सर्वे आॅफ इंडिया और ओएनजीसी जैसी विभिन्न कंपनियों द्वारा प्रदान की गई समस्याएं वर्तमान समय की मुश्किलों का समाधान खोजने के लिए दी गई है। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जी पी उपाध्याय, मुख्य सचिव, सिक्किम सरकार रहे। आईआईटी रुड़की के पूर्व छात्र होने के नाते उन्होंने अपने छात्र जीवन के अनुभवों को साझा किया, कैसे उन्होंने 1985 में कॉलेज में टॉप किया और यह बताया कि कैसे उत्तर प्रदेश के एक छोटे से शहर से संबंधित होने के बावजूद वह मुख्य सचिव बने । उद्घाटन समारोह में आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रोफेसर के के पंत प्रो. प्रवीण कुमार, सिविल विभाग के प्रमुख, आईआईटी रुड़की और प्रो. सत्येंद्र मित्तल, प्रो. कमल जैन, और प्रो. गार्गी सिंह ने भी हिस्सा लिया। प्रो. पंत और प्रो. प्रवीण ने टीम को बहुत समर्थन दिया और इसके लिए उनकी सराहना भी की इतने बड़े पैमाने इस प्रतियोगिता का आयोजन किया।प्रोफेसर केके पंत, निदेशक, आईआईटी रुड़की ने कहा है कि “स्थायी भविष्य के विकास के लिए, ज्ञान और शोध की आवश्यकता न केवल सिविल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में बल्कि अन्य क्षेत्रों जैसे एम एल, एआई में भी आवश्यक है और आईआईटी रुड़की ऐसे विकासों और स्टार्टअप्स को मजबूती प्रदान करने के लिए हमेशा आगे आता रहा है और भविष्य में भी आएगा।

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