नगर निगम के सहयोग से प्रोजेक्ट अविरल द्वारा कार्यशाला का आयोजन, आयोजित कार्यशाला में ‘सार्वजनिक आयोजनों के कूड़ा प्रबंधन हेतु दिशा-निर्देशों’ का प्रदर्शन

हरिद्वार । नगर निगम हरिद्वार एवं प्रोजेक्ट अविरल (अलायंस टू एंड प्लास्टिक वेस्ट, जी०आई० ज़ेड०, साहस एनजीओ के सहयोग से संचालित पायलट परियोजना) हरिद्वार शहर में गंगा में प्लास्टिक कचरे के प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से साथ मिलकर काम कर रहे है। जिसमें हरिद्वार शहर की कूड़े एवं सफाई की समस्या भी एक प्रमुख कारण है। हरिद्वार शहर अपने बड़े आयोजनों, भंडारों तथा अन्य सार्वजानिक कार्यक्रमों के लिए प्रसिद्ध है और आए दिन ऐसे बड़े आयोजनों के कारण उत्पन्न कूड़ा एक बड़ी समस्या के रूप में सामने आता है। इन्ही समस्याओं को समझते हुए तथा इनके समाधानों को मध्येनजर रखते हुए प्रोजेक्ट अविरल द्वारा ऐसे सार्वजानिक कार्यक्रमों के अपशिष्ट प्रबंधन हेतु कुछ दिशा निर्देशों का निर्माण किया है। इन दिशा निर्देशों को प्रोजेक्ट अविरल की टीम द्वारा होटल ली ग्रैंड में आयोजित एक कार्यशाला में, शहर के कुछ प्रमुख होटलों के साथ साथ श्री गंगा सभा, बीइंग भगीरथ, रोटरी क्लब, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पर्यावरण संरक्षण समिति, आश्रम संचालकों तथा हरिद्वार के कुछ प्रमुख स्कूलों के करीबन २३ प्रतिनिधियों के समक्ष प्रस्तुत किया गया । इन दिशानिर्देशों का उपयोग कर आयोजक अपने आयोजनों जैसे भंडारे, मेले, शादी जैसे बड़े समारोह से निकले अपशिष्ट को बहुत ही आसानी से प्रबंधित कर उसका उचित निस्तारण कर सकते है।
सभी प्रतिभागियों द्वारा अविरल के इस प्रयास की प्रशंसा करते हुए इसमें अपना सहयोग देने का आश्वासन भी दिया। कार्यक्रम के दौरान अविरल टीम द्वारा एक स्टॉल के जरिए आयोजनों में उपयोग होने वाले सिंगल यूज प्लास्टिक के सामान जैसे प्लेट, दोने, स्ट्रॉ आदि के कुछ पर्यावरणीय अनुकूल विकल्प भी सुझाये गए एवं कूड़े से किस प्रकार संसाधन की प्राप्ति की जा सकती है, इन बातों पर भी प्रकाश डाला गया। इस कार्यक्रम के दौरान किसी भी सिंगल यूज़ वास्तु का इस्तेमाल न करते हुए प्रोजेक्ट अविरल ने सभी के समक्ष एक उदारहण प्रस्तुत करने का प्रयास भी किया। बीइंग भगीरथ से शिखर पालीवाल ने धार्मिक अनुष्ठानो से निकलने वाले कूड़े के निस्तारण को ले कर अपने विचार प्रकट किये। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पर्यावरण संरक्षण समिति से विपिन द्वारा कहा गया कि हमें अपनी सांस्कृतिक धरोहर को जिंदा रखने की जरूरत है और अपने आयोजनों में सिंगल यूज़ प्लास्टिक के बजाए पत्तो से बनी पत्तल और इसके अन्य विकल्पों को हर व्यक्ति द्वारा अपनाया जाना चाहिए। प्रोजेक्ट अविरल ने आश्रमों, होटलों में होने वाले बड़े कार्यक्रमों के आदर्श कूड़ा प्रबंधन में अपने सहयोग का भी प्रस्ताव भी रखा जिससे इन दिशा निर्देशों का व्यवहारिक प्रदर्शन भी किया जा सके। इस आयोजन की विशेष बात थी कि इसमें कोई भी सिंगल यूज़ प्लास्टिक का प्रयोग नही किया गया। अंत में सभी आगन्तुको के विचारो तथा सुझावों के साथ उनके द्वारा घर पर कूड़े को अलग करने तथा गंगा को स्वच्छ बनाए रखने में सहयोग देने की शपथ लेते हुए, इस कार्यशाला का समापन किया गया। इस मौके पर अविरल की टीम के साथ साथ नगर निगम हरिद्वार से भी सफाई निरीक्षक सुनीत, विकास एवं मनोज भी उपस्थित थे ।
