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मकर सक्रांति पर्व पर रोक लगाकर और संतों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर सरकार और प्रशासन ने पाप किया

हरिद्वार । धर्म संसद के संयोजन में रविवार को सर्वानंद घाट पर आयोजित प्रतिकार सभा में संतों-महंतों ने सरकार, प्रशासन और अखाड़ों को जमकर कोसा। संतों ने कहा कि मकर सक्रांति पर्व पर रोक लगाकर और संतों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर सरकार और प्रशासन ने पाप किया है। जिसका खामियाजा एक न एक दिन इन्हें जरूर भुगतना पड़ेगा। प्रतिकार सभा की अध्यक्षता करते हुए धर्म संसद के अध्यक्ष स्वामी प्रबोधानंद गिरी ने कहा कि जो धर्म के नाम पर खाते हैं, लेकिन जब धर्म युद्ध लड़ने की बारी आती है वो जाकर कहीं गुफा में सो जाते हैं। इसे वह कायरता ही कहेंगे। उन्होंने कहा कि अखाड़े दिशाहीन हो चुके हैं। जब तक अखाड़ों का पुनर्गठन करके धर्म युद्ध शुरू नहीं किया जाता और हमारे दो धर्म योद्धा स्वामी यति नरसिंहानंद और जितेंद्र त्यागी उर्फ वसीम रिजवी को रिहा नहीं किया जाता है, दुनिया से जेहाद का अंत नहीं किया जाता है, तब तक उनका धर्म युद्ध और सत्याग्रह इसी तरह जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि जो तथाकथित हिंदुत्व के ठेकेदार बन कर बैठे हैं और संतों को बांटने का काम कर रहे हैं, आश्रम और मठ-मंदिर पर कब्जा कर रहे हैं, वह कायर नहीं तो और क्या हैं। उन्होंने कहा कि सर्वानंद घाट से जो चिंगारी उठी है वह देश भर में फैलने लगी है।

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