धामी सरकार ने 65 हजार करोड़ का बजट पेश किया, गौसदनों की स्थापना से लेकर धामी सरकार का रिवर्स पलायन पर फोकस
देहरादून । उत्तराखंड की पांचवीं विधानसभा का दूसरा सत्र मंगलवार से शुरू हुआ। सत्र के पहले ही दिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार विधानसभा के पटल पर वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए बजट प्रस्ताव पेश किया। वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल सदन में 65 हजार करोड़ का बजट पेश किया।मंगलवार को वित्त मंत्री सदन में पारंपरिक वेशभूषा में बजट पेश करने पहुंचे। वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने 65,571.49 करोड़ का बजट सदन पटल पर रखा। धामी सरकार के बजट में महिलाओं और युवाओं पर खास फोकस दिखा। मार्च में सरकार पहली तिमाही के लिए लेखानुदान लेकर आई थी। अब सरकार शेष अवधि के लिए बजट लेकर आई।कैबिनेट की बैठक में सरकार ने वित्तीय वर्ष के लिए करीब 63 हजार करोड़ रुपये के बजट प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने विधानसभा के पटल में मंगलवार को उत्तराखंड सरकार का बजट 2022-23 रखा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विकास के लिए बजट में हर सेक्टर और वर्ग पर फोकस किया गया है। प्रदेश में गौसदनों की स्थापना के लिए बजट में विशेषतौर से ध्यान रखा गया है। समाज के हर वर्ग से राय लेकर ही बजट बनाया गया है, ताकि प्रदेश का विकास दोगुनी गति से हो सके।बताया कि गौवंश के संरक्षण के लिए गौसदनाें की स्थापना के लिए बजट के प्रावधानों में 6 गुना वृद्धि करते हुए 15 करोड़ स्वीकृत किए गए है। प्रदेश के गढ़वाल व कुमाऊं मंडल के विभिन्न जिलों से पलायन पर प्रभावी प्रहार के लिए ठोस रणनीति बनाकर कार्य किया जाएगा। इसके लिए रिवर्स पलायन पर कार्य किया जाएगा। गांवों में कृषि, उद्योग, पर्यटन पर फोकस करते हुए पलायन रोका जाएगा।मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना के लिए 25 करोड़, सीमांत क्षेत्र विकास कार्यक्रम के लिए 44.78 करोड़ मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना के लिए 20 करोड़ और सबसे ज्यादा दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के लिए 105.41 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं।धामी सरकार ने शिक्षा सेक्टर पर फाेकस किया है। चंपावत स्थित शोबन सिह जीना विश्वविद्यालय और उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में आईटी अकादमी और उत्कृष्टता केंद्र के संचालन के लिए पांच-पांच करोड़ रुपयों का प्रावधान किया है। सामान्य व पिछड़ी जाति के छात्रों को निशुल्क किताबें उपलब्ध करवाने के लिए 36.86 करोड़ रुपयों का प्रावधान किया है।कृषि क्षेत्र के विकास के साथ धामी सरकार ने अपना विजन साफ रखा है। बताया कि जीआई टैग प्राप्त कर वैश्विक बाजार की संभावना तलाशने की रणनीति बनाई जा रही है। स्थानीय फसलों का प्रोत्साहन कार्यक्रम के लिए 7.5 करोड़ रुपयाें का प्रावधान है। मुख्यमंत्री एकीकृत बागबानी मिशन के लिए 17 करोड़ और दीन दयाल सहकारिता किसान कल्याण योजना के लिए 55 कराेड़ रुपयों का प्रावधान किया गया है।वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोर्ड (सामान नागरिकता कानून) के लिए सरकार गंभीर है। कानून को बनाने के लिए सरकार ने कमेटी का गठन किया है। वित्त मंत्री ने बताया कि कानून को प्रभावी बनाने के लिए बजट 2022त-23 में पांच करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।वित्त मंत्री ने बताया कि बजट में महिलाओं और युवाओं पर विशेषतौर से फोकस किया गया है। अग्रवाल ने कहा कि आत्मनिर्भर और गरीब कल्याण का बजट है। बजट को बनाने से पहले आमजन की राय भी ली गई थी। बागवानी, कृषि, बेरोजगारी, पलायन, सड़क, पेयजल आदि मुद्दाें पर विशेषतौर से फोकस किया गया है।