विलुप्त होती नन्ही गौरैया को बचाने का लें संकल्प: डॉ. विनीत सेठी

बहादराबाद । राजकमल साइंस एंड मैनेजमेंट कॉलेज बहादराबाद हरिद्वार के छात्र-छात्राओं के लिये डॉ0 विनीत सेठी नोडल अधिकारी, पर्यावरण जागरूकता और मूल्य चेतना सेल, उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार द्वारा घरेलू गौरैया के संरक्षण पर एक अतिथि व्याख्यान हुआ।

जिसमें डॉ0 सेठी ने कहा कि जिसे आप अपने घर के छज्जों, छत और घर की देहरी पर देखते थे, उसकी चहचहाहट सुनकर नींद खुलती थी आज वह विलुप्त होने की कगार पर खड़ी हुई है. हम बात कर रहे हैं, अपनी प्यारी ‘ नन्ही गौरैया’ की. उन्होंने राजकमल कॉलेज के छात्र-छात्राओं को अपनी प्यारी ‘ नन्ही गौरैया’ को बचाने के लिए संकल्प लेने और इस नन्ही गौरैया के संरक्षण के लिए जागरूकता अभियान चलाने को कहा। और कहा कि हम इसे अपने घर-आंगन में घौंसले लगाकर चहचहाते हुए देखना चाहते हैं। गौरैया प्रजाति जो काफी तेजी से देश में विलुप्त हो रही है, ऐसे में गौरैया-संरक्षण जरूरी है। ताकि हम अपनी आने वाली पीढ़ियों को गौरैया की चहचहाहट सुना पाएं.
राजकमल कॉलेज के प्राचार्य डॉ राघवेंद्र चौहान ने बताया कि पिछले कुछ सालो से शहरों में गौरैया की कम होती संख्या पर चिंता प्रकट की जा रही है पहले कभी घरों में यह चहकने वाली गौरैया शायद अब धीरे-धीरे विलुप्त हो रही है जिसका कारण कोई और नहीं बल्की यह है कि अब लोगों के पक्के महलों के करण वह नन्नी गौरैया अपना घर नहीं बना पातीl शहर में तो अब यह गौरैया देखी भी नहीं जा जातीl पर कुछ चुने हुए लोग जिन्हे प्रकृति से लगाव है वो इसके संरक्षण के लिए बहुत प्रयास कर रहे हैंl मुझे अपना बचपन याद आता है , जब मैं गौरैया के घोंसलों को अपने घर की मिट्टी की दीवारों के दरारों में, बसों और रेलवे स्टेशन की छतों में देखा करता था। लेकिन अब कुछ दशकों से गौरैया शहरों के इलाकों में दुर्लभ पक्षी बन गई। तथा उनकी आबादी में भारी गिरावट आई है।
इस व्याख्यान कार्यक्रम में श्रीमती राजेश देवी सचिव राजकमल कॉलेज, तथा महाविद्यालय के प्रबंध समिति सदस्य दुष्यंत प्रताप, नितिन चौहान, व प्रोफेसर मुकेश कुमार, वनस्पति विज्ञान गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय, डॉ विपिन शर्मा फार्मेसी विभाग , मा0 कुवरपाल सिंह, मा0, यशपाल सिंह आदि व प्रवक्तागण, अजय कुमार, विनीत कुमार, आस्था यादव, नैंसी चौहान, वेदांश कौशिक, बृजेश कुमार, अविनाश, स्टाफ सदस्यों एवं विद्यार्थियों सहित कई लोग उपस्थित रहे।

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