स्पर्श गंगा ने हरियाली तीज पर की एक नई शुरुआत, पौधों पर राखी बांध कर लिया रक्षा का संकल्प

हरिद्वार । स्पर्श गंगा परिवार की बहनों ने इस अवसर पर जगजीतपुर स्थित कार्यालय में बहनों को घर पर ही राखी बनाना सिखाया ताकि कोरोना काल के समय बहने सुरक्षित तरीके से घर पर कोरोना योद्धा और अपने भाइयों के लिए राखी बना सकें। रीता चमोली ने बताया कि स्पर्श गंगा की बहिनें राखी के त्यौहार को अपनी धरा को हरा भरा बनाने पर्यावरण की सुरक्षा के साथ तीज उत्सव को मानते हुए। देश की हिफाजत में लगे सैनिक भाइयों करोना योद्धाओं को स्पर्श गंगा राखियां बाधेंगी। रश्मि चौहान ने बताया कि इसके लिए घर घर स्पर्श गंगा के ये धागे बनाए जा रहे हैं।नैनीताल, हल्द्वानी अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ में भी व्यापक तैयारी की गई हैं,बिमला ढोडियाल ने बताया कि बहनें भाइयों की कुशलता की कामना के साथ आत्मनिर्भर भारत बनाने के संकल्प को पूरा कर रही हैं। साथ ही चाइनीज राखी का पूर्णतया बहिष्कार कर रही हैं। रेणु शर्मा ने कहा कि बहने गंगा तटों में खूबसूरत चमकीले पत्थरों तथा परम्परागत पूजा अर्चना में प्रयुक्त किए जाने वाले कलावे से स्पर्श गंगा रक्षा सूत्र बना रही हैं गंगा तटों पर सुनहरे नगीने से पत्थरों को राखियां में नग के रूप में प्रयोग करने का उनका प्रयोग भावनात्मक है।कमला जोशी ने का कहना है कि स्वदेशी तथा स्थानीय राखियां गंगा के पावन जल से निकले पत्थर नगीने से बचनाकर वह जहां स्वदेशी का संदेश दे रही है। वहीं गंगा स्वच्छता अभियान से वह भावनात्मक रूप से लोगों को जोड़ने का कार्य कर रही हैं। रजनी वर्मा ने कहाकि ये राखियां मां गंगा का स्पर्श भी हैं। सभी स्पर्श गंगा अभियान से जुड़े सदस्यों को वे इन राखियो को भेंट करेंगी, जिससे वे आने वाले राखी के त्यौहार में ये स्पर्श गंगा राखियां भाईयों की कलाई पर बहिन के प्यार के साथ साथ मां गंगा का स्पर्श भी दिला सके। मनु रावत, बिमला ढोडियाल, मनु रावत, रेणु शर्मा, रजनी वर्मा, सन्तोष सैनी, सीमा चौहान ,सरिता अमोली,अंशु, तारा, शीतल पुंडीर,कविता शर्मा, मीनू शर्मा,और सभी स्पर्श गंगा से जुड़ी मातृशक्ति स्पर्श गंगा रक्षा सूत्र के कार्यक्रम के अंतर्गत 1100 राखियां बनाएगी। रजनीश सहगल, मनप्रीत, अंश मल्होत्रा, और आशु चौधरी स्पर्श गंगा रक्षा सूत्र कार्यक्रम में सहयोग कर रहे है और गंगा के तट से पत्थर एकत्रित करके मातृशक्ति को उपलब्ध करवा करे हैं।

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