ब्रिटिश अधिकारियों ने मानकपुर गांव को कर दिया था आग के हवाले, मानकपुर आदमपुर के उमराव सिंह और पिता फ़ती सिंह ने लिया था बदला, फूँक दिया था पुलिस थाना, 27 मई 1857 को देश के लिए हो गए थे पिता- पुत्र शहीद
अनुभव चौधरी, झबरेड़ा । अंग्रेजी हुकूमत के विरुद्ध लाखो लोगो ने लड़ाई लड़ी ओर भारत माता की आन बान शान के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी उसी कड़ी में सहारनपुर जिले में भी गुर्जर ओर अन्य बिरादरी के योद्धाओं ने1822 ई से ही निरंतर लड़ाई शुरू कर दी थी जिसका भारी नुकसान यहां की जनता को हुआ और अंग्रेजी शासन के लोग क्रांतिकारीयो से अधिक चिड़ने लगे थे। मानकपुर गांव को अंग्रेजी हुकूमत ने कई बार आग के हवाले कर दिया था जिसमे काफी लोगो को जान माल की हानि हुई थी तभी मानकपुर के उमराव सिंह गुर्जर ने अंग्रेजों के विरुद्ध बिगुल बजा दिया था और अपने आप को स्वतंत्र राजा घोषित कर दिया था और परीक्षितगढ़ के राजा कदम सिंह व कठेड़ा( ग्रेटर नोएडा )के राजा उमराव सिंह की तरह ही राजाज्ञाए निकाली थी और मालगुजारी स्वयं वसूलने लगे थे जिससे सहारनपुर जिले के सुरक्षा अधिकारी व प्रबंधक स्पंकी तथा रोबर्टसन काफी नाराज थे। जिन्होंने उमराव सिंह से नाराज होकर गांव को टारगेट करना शुरू कर दिया था जिसके बदले में उमराव सिंह ने अपनी सेना और जिले के अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के साथ मिलकर नकुड़ तहसील व थाना में आग लगा दी थी जिससे कई अंग्रेजी कर्मचारी चोटिल हो गए थे और मारे भी गए थे तभी उमराव सिंह ने एक नारा दिया था।
फिरंगी को मार भगाओ, देश को आजाद कराओ
राजा उमराव सिंह को उनके पिता फतेह सिंह का भी पूरा पूरा सहयोग रहा जिससे दोनों पिता-पुत्र ने अंग्रेजी हुकूमत के नाक में दम कर रखा था नकुड, सरसावा, मंगलौर, पुरकाजी ,सापला, सधोली ,बाबूपुर नगली, गधरेडी, लखनौती, मानकपुर ,झबरेड़ा आदि क्षेत्र के लोगों ने उमराव सिंह को अपना राजा मानकर उमराव सिंह का सहयोग कर सहारनपुर का प्रशासन ठप कर दिया था । लेकिन दुष्ट स्पंकी और रोबेर्टसन ने आधुनिक हथियारों का सहारा लेकर जनता पर ताबड़तोड़ हमले किए जिससे हजारों लोग मारे गए और उनकी जमीनें जप्त कर ली गई इसके जवाबी हमले उमराव सिंह के नेतृत्व में होते रहे लेकिन उमराव सिंह भी धोखे का शिकार हो गया और धोखे से सिडकी गांव के समीप दोनों पिता-पुत्र को रोबेर्टसन की सेना ने गिरफ्तार कर लिया और बुलंदशहर के ब्रिटिश गजेटीयर एवं सहारनपुर ब्रिटिश गजेटियर के अनुसार फतेह सिंह को 27 मई 18 57 को सहारनपुर में पुरानी कोतवाली के सामने पीपल के पेड़ पर फांसी दी गई और उमराव सिंह को चौकी सराय के सामने वाले तिराहे पर 27 मई को ही खुले आसमान में फांसी दी गई।
मैं जला हुआ राख नही, अमरदीप हूं
जो मिट गया वतन पर मैं वो शहीद हूं
ग्राम मानकपुर आदमपुर जिला हरिद्वार में शहीद उमराव सिंह व उनके पिता शहीद फतेह सिंह का स्मारक स्थल शिवचौक के पास निर्माणाधीन है। जिसमें सांसद निधि, जिला पंचायत निधि,व अन्य मदो से सहयोग लेकर कार्य चल रहा है ओर प्रतेयक वर्ष 27 मई को उनका शहीदी दिवस मनाया जाता है , जिनके नाम से झबरेड़ा थाना के सामने एक भव्य द्वार भी बनाया गया है और जल्द ही स्मारक पूर्ण हो जाएगा ऐसे शहीदों को हम बार-बार नमन करते हैं। ओर मानकपुर ओर क्षेत्र का प्रत्येक व्यक्ति शहीद उमराव सिंह ओर शहीद फतेह सिंह पर गर्व करता है।