रुड़की । गबन के आरोपों में घिरे ग्राम प्रधान समेत आठ लोगों के खिलाफ कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने केस दर्ज किया है। पुलिस ने मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी है।कलियर थाना क्षेत्र के गांव इमलीखेड़ा धर्मपुर निवासी घनश्याम ने विकास कार्यों की सूचना मांगी थी। सूचना में अनियमितता मिलने पर उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। बताया कि 2016 में इमलीखेड़ा धर्मपुर में 17 लाख की लागत से 315 स्ट्रीट लाइट लगवाई गई थी। जिनको लगाने का कार्य दक्ष एसोसिएट नाम की फर्म को दिया गया था। लोकल प्रति लाइट 4659 रुपये के आसपास थी और वारंटी 18 माह थी। जबकि कम्पनी की लाइट दो हजार रुपये की थी और वारंटी दो साल थी। गांव में 4.42 लाख रुपये में 32 से 35 किलो की 65 बैंच लगाई गई थी। जिनकी कीमत खुले बाजार से लगभग दोगुने दाम पर थी। वहीं छह लाख की लागत से विजेंद्र पाल के मकान से मुख्य मार्ग तक सीसी टाइल्स निर्मित रास्ते का निर्माण दिखाकर नियम विरुद्ध कार्य किया गया। थाना प्रभारी मनोहर सिंह भंडारी ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर इमलीखेड़ा गांव की तत्कालीन ग्राम प्रधान सरिता, तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी संजय कुमार, भूरा ठेकेदार निवासी टकाभरी थाना भगवानपुर दक्ष एसोसिएट दुकान नंबर 2 प्रथम तल हर्षित कांप्लेक्स निकट नेहरू स्टेडियम, तत्कालीन ग्राम पंचायत विकास अधिकारी कुलदीप सिंह चौहान, मैसर्स हंसवीर ठेकेदार निवासी लिब्बरहेड़ी कोतवाली मंगलौर, आजाद इलेक्ट्रिक वर्क्स के संचालक गजेंद्र सिंह निवासी नगला चीना गुरुकुल नारसन और तत्कालीन ग्राम पंचायत विकास अधिकारी धर्मपाल सैनी समेत आठ लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
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