गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में तीर्थयात्रियों का आवागमन सुव्यस्थित ढंग से जारी, 12 बजे तक गंगोत्री धाम में 6000 तथा यमुनोत्री धाम में भी 6000 तीर्थयात्री दर्शन कर चुके
देहरादून । गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में तीर्थयात्रियों का आवागमन सुव्यस्थित ढंग से जारी है। आज दोपहर 12 बजे तक गंगोत्री धाम में 6000 तथा यमुनोत्री धाम में भी 6000 तीर्थयात्री दर्शन कर चुके थे। दोपहर तक गंगोत्री धाम में 6750 तथा यमुनोत्री धाम के पैदल मार्ग पर लगभग 6000 श्रद्धालु मौजूद थे। उत्तरकाशी के जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने यात्रियों के रिकार्ड संख्या में आगमन को देखते हुए गंगोत्री व यमुनोत्री धाम सहित यात्रा मार्गों व पड़ावों पर यात्री सुविधाओं व व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद बनाए रखने के लिए अधिकारियों को निरंतर जुटे रहने को कहा है। जिलाधिकारी ने यात्रियों की सुविधा व सुरक्षा को देखते हुए यमुनोत्री पैदल मार्ग पर रोटेशन के आधार पर तय संख्या में ही घोड़े-खच्चर एवं डंडी का आवागमन सुनिश्चित कराने के भी निर्देश जारी किए हैं। यमुनोत्री क्षेत्र के सुपर जोनल मजिस्ट्रेट अभिषेक त्रिपाठी ने अधिकारियों के साथ यमुनोत्री पैदल मार्ग पर यात्रा व्यवस्थाओं को दुरुस्थ बनाए रखने के लिए यात्री पंजीकरण केन्द्र, सूचना केन्द्र, घोड़ा पड़ाव, मेडिकल रिलीफ पोस्ट का निरीक्षण किया। साथ ही विभिन्न जगहों पर निर्मित पेयजल स्टेंड पोस्ट, वाटर एटीएम एवं शौचालय की व्यवस्था का भी जायजा लिया। यमुनोत्री पैदल मार्ग पर साफ-सफाई को लेकर भी व्यवस्थाएं बढ़ाई गई हैं। गत दिन हुई बारिश के बाद अनेक जगह रास्ते में आई मिट्टी को हटाने के लिए भी आज विशेष अभियान चलाया गया। यमुनोत्री पैदल मार्ग पर तीन एमआरपी यात्रियों की सहायता के लिए निरंतर संचालित हैं। पैदल मार्ग पर यात्रियों को आकस्मिक चिकित्सा की स्थिति में त्वरित सहायता प्रदान करने के लिए 30 फर्स्ट मेडिकल रिस्पांडर्स भी तैनात किए गए हैं। इस पैदल मार्ग पर यात्रियों की सुरक्षा व सहायता के लिए पुलिस, होमगार्ड, पीआरडी, एसडीआरएफ व एनडीआरएफ को भी तैनात किया गया है। यमुनोत्री पैदल मार्ग पर संचालित होने वाले घोड़े-खच्चरों की स्वास्थ्य जांच व चिकित्सा के लिए जानकीचट्टी में पशु चिकित्सा विभाग की टीम तैनात की गई है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि किसी भी बीमार या अनफिट अश्ववंश को यात्रा के लिए उपयोग में न लाया जाए। यमुनोत्री पैदल मार्ग पर घोड़े-खच्चरों के लिए उपयुक्त तापमान के पानी की व्यवस्था के लिए छः स्थानों पर गीजर की व्यवस्था की गई है।