हरिद्वार । जिला उपभोक्ता आयोग ने गलत रूप से भेजा गया धनराशि वसूली पत्र पर रोक लगाने के आदेश दिए हैं। आयोग ने स्थानीय ब्रांच मैनेजर, डिप्टी जनरल मैनेजर व कलेक्शन अमीन को उपभोक्ता सेवा में कमी का दोषी पाते हुए क्षतिपूर्ति व शिकायत खर्च के रूप में 10 हजार रुपये शिकायतकर्ता को देने के आदेश दिए हैं। भगवानपुर क्षेत्र के गांव दादूबास ग्रांट निवासी शिकायतकर्ता सेवाराम ने स्थानीय ब्रांच मैनेजर पंजाब नेशनल बैंक भागूवाला, डिप्टी जनरल मैनेजर बीएचईएल रानीपुर व कलेक्शन अमीन कलक्ट्रेट परिसर हरिद्वार के खिलाफ एक शिकायत दर्ज कराई थी। दायर शिकायत में बताया था कि उसके पिता शंभू का स्थानीय ब्रांच में एक बचत खाता चला आता है। मई 2021 में शिकायतकर्ता के पिता की मृत्यु हो गई थी। बैंक कर्मचारियों ने उसके पिता की मृत्यु के करीब नौ माह के बाद उनके नाम से दो लाख 98 हजार 306 रुपये वसूल करने के लिए रिकवरी आदेश भेजा था। जबकि शिकायतकर्ता ने कभी भी संबंधित कर्मचारियों से कोई लोन नहीं लिया है। यही नहीं, शिकायतकर्ता ने उक्त सभी कर्मचारियों पर गलत तरीके से लोन राशि वसूलने का आरोप लगाया था। उक्त कर्मचारियों के कोई संतोषजनक जवाब नहीं देने पर आयोग की शरण ली थी। शिकायत की सुनवाई के बाद आयोग अध्यक्ष कंवर सैन, सदस्य अंजना चड्डा व विपिन कुमार ने सभी को उपभोक्ता सेवा में कमी करने का दोषी ठहराया है।
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