रुड़की आरटीओ कार्यालय में अधिकारियों से धक्का मुक्की कर तोड़फोड़ के मामले में पुलिस ने किसान संगठन के पांच लोगों को किया गिरफ्तार, पुलिस कार्रवाई से संगठन के तेवर ढीले होते दिखे
रुड़की आरटीओ कार्यालय में अधिकारियों से धक्का मुक्की कर तोड़फोड़ के मामले में पुलिस ने किसान संगठन के पांच लोगों को किया गिरफ्तार, पुलिस कार्रवाई से संगठन के तेवर ढीले होते दिखे
रुड़की । आरटीओ कार्यालय में अधिकारियों से धक्का मुक्की कर तोड़फोड़ वह अन्य कार्य करने के मामले में पुलिस ने संगठन के पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस कार्रवाई से संगठन के तेवर ढीले होते दिखे। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया है। दिल्ली रोड स्थित आरटीओ कार्यालय में भारतीय किसान यूनियन (तोमर) के नेतृत्व में मंगलवार को धरना प्रदर्शन किया गया था। इस दौरान किसान संगठन ने अधिकारियों पर भ्रष्टाचार व अन्य गंभीर आरोप लगाकर जमकर हंगामा किया था। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची थी। जिसके बाद कड़ी मशक्कत कर किसी तरीके से मामला शांत कराया था। इस मामले में पुलिस लूट समेत अन्य गंभीर धाराओं में संगठन के 16 लोगों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर चुकी है। जिसकी जांच उप निरीक्षक नितिन बिष्ट कर रहे हैं। वरिष्ठ उप निरीक्षक अभिनव शर्मा ने बताया कि रविंद्र कुमार निवासी गोवर्धनपुर रोड कोतवाली लक्सर, राजकुमार सैनी गांव सिधडू कोतवाली लक्सर, सचिन कुमार चौधरी निवासी गांव मलकपुर कोतवाली लक्सर, दिनेश शर्मा निवासी गांव गोवर्धनपुर कोतवाली लक्सर और तालिब निवासी रामपुर कोतवाली गंगनहर रुड़की को गिरफ्तार किया है।
मंगलवार को आरटीओ कार्यालय पर हुए धरने प्रदर्शन में शामिल संगठन के कई सदस्य पुलिस राडार पर हैं। फोटो और वीडियो के आधार पर पुलिस मौके पर हुई धक्का मुक्की, तोड़फोड़ वह अन्य कार्यों में लिप्त सदस्यों की पहचान कर गिरफ्तारी के प्रयास में लगी है। वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर वायरल है। जहां से पुलिस कुछ फोटो और वीडियो के आधार पर संगठन के अन्य सदस्यों पर शिकंजा कसने की तैयारी में है। ऐसे में संगठन में फिलहाल अफरातफरी का माहौल है। भारतीय किसान यूनियन (तोमर) के नेतृत्व में मंगलवार सुबह को हरिद्वार रोड स्थित आरटीओ कार्यालय पर संगठन ने उग्र धरना प्रदर्शन किया था। संगठन का आरोप था कि कार्यालय में भ्रष्टाचार व्याप्त है। बिना पैसे दिए यहां कोई काम नहीं होता है। जबकि विभाग की ओर से किसानों का उत्पीड़न किया जाता है। बेवजह चालान और वाहन सीज की कार्रवाई होती है, जो सरासर गलत है। इन्हीं सब बातों और मांगों को लेकर संगठन ने विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। अधिकारियों को संगठन के नेतृत्व में जुटे पदाधिकारी और सदस्यों ने बंधक बना लिया था। मामला अभद्रता से धक्का मुक्की तक पहुंच गया था। जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची थी। पुलिस ने खूब पसीना बहाकर मामला शांत कराया था।