शदाणी दरबार के पीठाधीश्वर संत डा.युधिष्ठिर लाल महाराज का 58 वां जन्मदिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया, स्वामी ललितानंद गिरी ने कहा सेवा व त्याग की प्रतिमूर्ति हैं संत युधिष्ठरलाल
हरिद्वार । शदाणी दरबार के पीठाधीश्वर संत डा.युधिष्ठिर लाल महाराज का 58 वां जन्मदिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस दौरान निराश्रित जरूरतमंदों को कंबल व गर्म वस्त्र भी वितरित किए गए। रविवार को उत्तरी हरिद्वार के सप्तसरोवर स्थित शदाणी दरबार मंदिर में दरबार के नवम पीठाधीश्वर संत डा.युधिष्ठरलाल महाराज का 58वां जन्मदिन सेवादिवस के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर शदाणी दरबार के सेवादार अमरलाल शदाणी व भक्तों ने निराश्रित और जरूरतमंदों को खाद्य सामग्री और गर्म वस्त्र वितरित किए। इस मौके भारत माता मंदिर के महंत स्वामी ललितानंद गिरी महाराज ने कहा कि संत का जन्म सेवा के लिए ही होता है। संत युधिष्ठरलाल लाल सेवा व त्याग की प्रतिमूर्ति हैं। शदाणी दरबार द्वारा संत युद्धिष्ठरलाल महाराज के जन्मदिवस को सेवा दिवस के रूप में मनाते हुए जरूरतमंद लोगों की मदद करने से समाज को प्रेरणा मिलेगी। शदाणी दरबार के सेवादार अमरलाल शदाणी ने बताया कि कोरोना काल में शदाणी दरबार की ओर से शुरू किए गए जरूरतमंदों की सेवा कार्य को आगे भी ऐसे ही निरंतर चलाया जाएगा। शदाणी दरबार का मुख्य उपदेश मानव सेवा ही माधव सेवा है। इस उपदेश को लोगों तक पहुचना हमारा परम् कर्तव्य है। अमरलाल शदाणी ने कहा कि सेवा के प्रकल्पों से ही समाज उत्थान में अपना योगदान दिया जा सकता है। निस्वार्थ सेवाभाव से की गयी सेवा अवश्य ही ईश्वर भक्ति से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि शदाणी दरबार हमेशा ही मानव कल्याण में अपना योगदान देता चला आ रहा है। शदाणी दरबार के पीठाधीश्वर संत युद्धिष्ठर लाल पूरे समर्पण भाव से समाजसेवा कर रहे हैं। गरीब, निराश्रित, जरूरतमंदों की सेवा कर सबको राष्ट्रहित में योगदान करना चाहिए। पार्षद प्रतिनिधि विदित शर्मा ने कहा कि संत डा.युधिष्ठिर लाल के नेतृत्व में शदाणी दरबार द्वारा चलाए जा रहे सेवा कार्य सभी को प्रेरणा देते हैं। सभी को शदाणी दरबार द्वारा चलाए जा रहे सेवा कार्यो से प्रेरणा लेकर समाजसेवा में योगदान करना चाहिए। इस अवसर पर रितेश वशिष्ठ, विकल राठी, संजय वर्मा, भाजपा ग्रामीण महिला अध्यक्ष अनिता वर्मा आदि मौजूद रहे।