ठाकुर यशपाल सिंह पनियाला ने निर्दलीय ही हराए थे तीन-तीन कद्दावर मंत्री, जनता के दिलों में करते थे राज

 

रुड़की । ठाकुर यशपालसिंह रुड़की के निकट ग्राम पनियाला के निवासी थे, वे एक ऐसी शख्सियत थे जिनकी भारत की शुरुआती राजनीति में एक अलग और विशेष पहचान थी। उन्होंने अपने राजनीति जीवन मे तत्कालीन तीन -तीन कैबिनेट मंत्रियों को हराया था। 1957 में सहारनपुर की देवबन्द विधानसभा सीट से निर्दलीय लड़ते हुए यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री ठाकुर फूल सिंह (कांग्रेस) को हरा दिया था। फिर सन 1962 में इन्होंने मुजफ्फरनगर जिले की कैराना लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा और केन्द्रीय मंत्री अजित प्रसाद जैन (कांग्रेस) को हरा दिया। सन 1967 में इन्होंने पहले ही केन्द्रीय मंत्री महावीर सिंह त्यागी को हराने की चुनौती दे रखी थी, और इस बार इन्होंने देहरादून-सहारनपुर संयुक्त लोकसभा सीट से निर्दलीय ताल ठोक दी और यहां से तत्कालीन केन्द्रीय मंत्री महावीर सिंह त्यागी को हराकर सनसनी फैला दी। अलग-अलग जिलों में जाकर तीनों बार मंत्रियों को निर्दलीय ही हराने से उनका नाम मंत्री मार पड़ गया। जिसके चलते बड़े-बड़े मंत्री इनके नाम से घबराने लगे।

यशपाल सिंह घोड़े पर सवार होकर अपना चुनाव प्रचार करते थे। उनकी सभाएं बाजार, सब्जी मंडी, घासमंडी और रेलवे स्टेशन के आसपास होती थी, ताकि भीड़ जुट जाए और प्रचार गांव-गांव पहुंच जाए। वे कचहरी और अस्पताल के बाहर भी सभाएं करते थे। आने जाने वाले लोग प्राय: दुकानदारों से पूछ लेते थे कि घोड़े वाले ठाकुर साहब का भाषण आज कहां होगा। चुनाव आने पर उस जमाने की युवा पीढ़ी ठाकुर साहब के भाषण आज भी याद करती है।

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