आईआईटी रुड़की ने हिवरे बाजार के भारत के ‘उच्चतम जीडीपी ’गांव में परिवर्तन पर एक वेबिनार का आयोजन किया, पीएम ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में गाँव के विकास की प्रशंसा की, उन्नत भारत अभियान और आईआईटी रुड़की की एक संयुक्त थी पहल
रुड़की । भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रुड़की ने हिवरे बाजार को आदर्श गांव में बदलने पर एक वेबिनार की मेजबानी की। रिजनल को कोऑर्डिनेटिंग इंस्टीट्यूट (आरसीआई), उन्नत भारत अभियान और इंस्टीट्यूट लेक्चर सीरीज कमीटी, आईआईटी रुड़की ने संयुक्त रूप से ” ट्रांसफॉर्मेशन ऑफ़ एन इम्पोवरिश्ड विलेज़ इंटू ए मॉडल ऑफ़ डेवलपमेंट’ विषय पर आधारित वेबिनार का आयोजन किया। इस पहल का उद्देश्य एक दृष्टिकोण साझा करना तथा कभी पिछड़े रहे हिवरे बाजार गांव के विकास के एक मॉडल के रूप में उभरने की यात्रा पर चर्चा करना था।हिवरे बाजार महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में स्थित है। इस गाँव ने 24 वर्षों में प्रति व्यक्ति आय 832 रुपये से बढ़ाकर 30,000 रुपये कर ली है, और भारत में उच्चतम सकल घरेलू उत्पाद के साथ इस गाँव ने एक अनूठा गौरव प्राप्त किया है। आदर्श गांव हिवरे बाजार की यह सफल यात्रा आशीर्वाद, प्रेरणा, विज़न, सामुदायिक योजना, निरंतर प्रयास, साझी जिम्मेदारी, नेतृत्व में विश्वास, समुदाय द्वारा समर्थन, योजनाओं के कार्यान्वयन, कामकाज में पारदर्शिता, आवधिक और समय पर मूल्यांकन, लोगों की भागीदारी तथा सभी स्तरों पर विभिन्न परिवर्तन एजेंटों के मार्गदर्शन और सहयोग का परिणाम है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में गाँव के विकास की प्रशंसा की है। आरसीआई-यूबीए, आईआईटी रुड़की के समन्वयक प्रो. आशीष पांडे ने वेबिनार की शुरुआत की, इसमें महाराष्ट्र के मॉडल विलेज प्रोग्राम के कार्यकारी निदेशक और हिवरे बाजार के पूर्व सरपंच श्री पोपटराव बागुजी पवार मुख्य वक्ता के रूप में शामिल थे। श्री पवार गाँव के एकमात्र पोस्ट-ग्रेजुएट थे, उन्होंने अन्ना हजारे से प्रेरित होकर हिवरे बाज़ार के विकास का नेतृत्व किया। सामाजिक कार्य में उनके अनुकरणीय योगदान के लिए उन्हें वर्ष 2020 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया। प्रो. एम. परिदा, उप निदेशक, आईआईटी रुड़की ने अपने संबोधन में कहा कि सामाजिक विकास में प्रत्यक्ष योगदान की हमारी प्रतिबद्धता पद्मश्री पोपटराव बागुजी पवार के अनुभव से समृद्ध होगी। “श्री पोपटराव बागुजी पवार की पहल ने हिवरे बाजार को विकास के एक आदर्श मॉडल के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। एक जिम्मेदार संस्थान के रूप में, आईआईटी रुड़की सामाजिक विकास के लिए प्रतिबद्ध है। श्री पोपटराव बोगुजी पावर का समृद्ध और विविध अनुभव हमें बहुत कुछ सीखने में मदद करेगा और हमें समाज के विकास में योगदान के लिए प्रेरित करेगा,” प्रो. एम. परिदा, उप निदेशक, आईआईटी रुड़की, ने कहा। श्री पवार ने अपने मुख्य संबोधन के दौरान हिवरे बाजार के विकास में सामुदायिक भागीदारी, दृढ़ता, सस्टेनेबिलिटी पर ध्यान केंद्रित करने और सामुदायिक संवेदनशीलता की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस परिवर्तनकारी यात्रा में सामाजिक अनुशासन (सप्तसुत्री) के सात सिद्धांतों का सख्ती से पालन करने के महत्व को भी स्वीकार किया, ये हैं-परिवार नियोजन, शराब पर प्रतिबंध, पेड़ काटने पर प्रतिबंध, मुफ्त में चराने पर प्रतिबंध, श्रम का स्वैच्छिक दान, खुले में शौच पर प्रतिबंध और खेती के लिए बोरवेल पर प्रतिबंध। उनके अनुसार, पानी की कमी हिवरे बाजार में एक बड़ी चुनौती थी जिसे विकास के पहले चरण में निपटाया गया था। अहमदनगर के सूखाग्रस्त क्षेत्र में स्थित, हिवरे बाजार ने पानी की कमी वाले गांव का स्टेटस हासिल कर लिया था। इस गांव ने 1992 में वाटरशेड विकास कार्यक्रम को अपनाया, जो इसके परिवर्तन की दिशा में पहला कदम था। इसने रीवेजीटेशन, फसल के पैटर्न को बदलने और वाटरशेड विकास उपायों के तहत किसानों के लिए आय के स्रोतों में विविधता लाने पर काम किया। गांव आज विकास के लिए एक बेंचमार्क का काम करता है। यह अब महाराष्ट्र के अन्य गांवों को बदलने में मदद कर रहा है, साथ ही महाराष्ट्र सरकार के 1000 आदर्श ग्राम परियोजनाओं का समर्थन भी कर रहा है, ”श्री पोपटराव बागुजी पवार, पूर्व सरपंच, हिवारे बाजार, ने कहा। हिवरे बाजार ने सत्यमेव जयते वाटर कप के साथ भी काम किया है, जो एक आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम है| इसका प्रबंधन 2016 में 30 गांवों के लिए आमिर खान की पानी फाउंडेशन द्वारा किया गया था। हिवरे बाजार सरपंच और पीआरआई, परियोजना कार्यान्वयन एजेंसी (एनजीओ) और कम्युनीटी ड्राइवेन अप्रोच के लिए एक मॉडल बन गया है। इसके सफल मॉडल को लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी ( एलबीएसएनएए), मसुरी, सिविल सेवकों के प्रशिक्षण के लिए सर्वश्रेष्ठ संस्थान, राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडीपीआर), हैदराबाद, यशवंतराव चवन एकेडमी ऑफ़ डेवलपमेंट एडमिनिस्ट्रेशन ( वाईएएसएचएडीए ), महाराष्ट्र सरकार का शीर्ष प्रशिक्षण संस्थान, वाशिंगटन विश्वविद्यालय और कई अन्य संस्थानों में साझा किया गया है। “हिवरे बाजार की सफलता की कहानी प्रेरणादायक है। महात्मा गाँधी के आदर्श ग्राम के विज़न के अनुरूप गांवों का समग्र विकास, आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हम इस परिवर्तनकारी यात्रा को लेकर हमारे ज्ञानवर्धन के लिए श्री पोपटराव बागुजी पवार का शुक्रिया अदा करना चाहते हैं,” प्रो. अजीत के.चतुर्वेदी, निदेशक-आईआईटी रुड़की, ने कहा।सत्र का समापन इंस्टीट्यूट लेक्चर सीरीज कमीटी, आईआईटी रुड़की के संयोजक प्रो. अनिल कुमार गौरीशेट्टी के धन्यवाद भाषण के साथ हुआ।