आईआईटी रुड़की ने युवा संगम- II के पश्चात तेलंगाना के युवाओं को दी विदाई
रुड़की । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने युवा संगम-द्वितीय कार्यक्रम की परिकल्पना की। शिक्षा मंत्रालय ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की (आईआईटी रुड़की) और एनआईटी वारंगल को उत्तराखंड और तेलंगाना राज्यों के बीच युवा आदान-प्रदान आयोजित करने के लिए जोड़ीदार संस्थानों के रूप में पहचाना। युवा संगम- II तेलंगाना दल 29 अप्रैल 2023 को रुड़की पहुंचा और यह असाधारण कार्यक्रम 4 मई 2023 तक चला।
प्रतिभागियों ने भगवानपुर में अंबुजा सीमेंट और एवरेस्ट उद्योगों का दौरा किया। उन्हें इस बात की जानकारी दी गई कि सीमेंट का निर्माण कैसे किया जाता है और निर्माण प्रक्रिया में कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए उद्योग किस तरह से विभिन्न उपाय कर रहे हैं। युवा संगम का उद्घाटन कार्यक्रम मैक ऑडिटोरियम, आईआईटी रुड़की में आयोजित किया गया था, जिसमें प्रोफेसर एम के बरुआ, डीन ऑफ स्टूडेंट वेलफेयर, प्रो अपूर्वा शर्मा, डीन ऑफ एकेडमिक अफेयर्स, प्रो एम वी सुनील कृष्णा, एसोसिएट डीन ऑफ स्टूडेंट वेलफेयर, और प्रो. बी श्रीनिवास, नोडल अधिकारी, एक भारत श्रेष्ठ भारत, एनआईटी वारंगल उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम में आने वाली तेलंगाना टीम द्वारा तेलंगाना की सांस्कृतिक विविधता को प्रदर्शित करने वाले कई सांस्कृतिक प्रदर्शन भी देखे गए। अगले दिन दल ने खगोल विज्ञान, खगोल भौतिकी और वायुमंडलीय विज्ञान में विशेषज्ञता वाले शोध संस्थान आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान अनुसंधान संस्थान नैनीताल का दौरा किया।
इसके अतिरिक्त, तेलंगाना दल ने आईआईटी रुड़की की विभिन्न केंद्रीय सुविधाओं का दौरा किया। इन सुविधाओं में अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं, ऊष्मायन इन्क्यूबेशन सेंटर आदि शामिल थे। इससे छात्रों को 175 साल पुराने संस्थान का दर्शन करने और संस्थान में किए जा रहे अत्याधुनिक शोध को देखने का अवसर मिला। दल ने सुपरकंप्यूटर परम गंगा का दौरा किया और तकनीकी कर्मचारियों के साथ बातचीत की। छात्रों को विभिन्न समस्याओं के बारे में जानकारी दी गई, जिन्हें हल करने के लिए वर्तमान में उच्च प्रदर्शन वाले सुपर कंप्यूटर का उपयोग किया जा रहा है। छात्रों ने तकनीकी कर्मचारियों के साथ चर्चा की और सुपरकंप्यूटर के काम को समझने, और परम गंगा किस प्रकार जटिल समस्याओं के समाधान करने में सहायक हो रहा है, इस में गहरी दिलचस्पी दिखाई ।
तेलंगाना दल ने आईआईटी रुड़की के एक इन्क्यूबेशन सेंटर टीआईडीईएस (प्रौद्योगिकी नवाचार और उद्यमिता समर्थन का विकास) का दौरा किया। टीआईडीईएस नवोन्मेषी स्टार्ट-अप्स को सहायता और संसाधन प्रदान करता है। छात्रों ने वर्तमान में आईआईटी रुड़की में इनक्यूबेट किए जा रहे स्टार्ट-अप्स के साथ बातचीत की। इसके अतिरिक्त, तेलंगाना दल ने टिंकरिंग लैब और आईहब का दर्शन किया, जो नवाचार और रचनात्मकता के केंद्र हैं और जिनका उद्देश्य छात्रों और संकाय सदस्यों को उनके विचारों को विकसित करने के लिए एक मंच प्रदान करना है। टिंकरिंग लैब ने कई प्रोटोटाइप और उत्पाद-निर्माण सुविधाओं का प्रदर्शन किया, जिनमे बिजली उपकरण, सीएनसी लेद, 3डी प्रिंटर और 3डी स्कैनर सम्मिलित हैं ।
तेलंगाना दल ने ऋषिकेश का भी दौरा किया और आस-पास के प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लिया। बडी प्रोग्राम में उन्हें सम्मिलित करने हेतु तेलंगाना दल के लिए पास के एक गांव की यात्रा की व्यवस्था की गई थी। छात्र उत्तराखंड में ग्रामीण जीवन के विभिन्न सांस्कृतिक पहलुओं से परिचित हुए। प्रोग्राम ने उन्हें उत्तराखंड की ग्रामीण जनता के साथ बातचीत करने और उनकी सांस्कृतिक प्रथाओं, भोजन, जीवन जीने के तरीके, रीति-रिवाजों आदि के बारे में जानने का एक अनूठा अवसर प्रदान किया। छात्रों ने यह भी देखा कि कैसे उन्नत भारत अभियान ग्रामीणों को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने में मदद कर रहा है। युवा संगम- II 4 मई 2023 को एक शानदार पड़ाव पर आया, और तेलंगाना के युवाओं को उत्तराखंड की यात्रा के सफल समापन के बाद विदाई देने के लिए एमएसी ऑडिटोरियम, आईआईटी रुड़की में समापन समारोह आयोजित किया गया। तेलंगाना के युवा संगम के युवाओं ने आईआईटी रुड़की के सहारनपुर परिसर का भी दौरा किया।
इस अवसर पर आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रोफेसर के के पंत ने कहा, “इस तरह के अवसर हमारे युवाओं को विविध संस्कृतियों का पता लगाने और भारत के विभिन्न पहलुओं को समझने में सक्षम बनाते हैं। एक भारत श्रेष्ठ भारत के तहत ‘युवा संगम’ पहल को एक सहयोगी प्रयास, जिसका उद्देश्यलोगों से लोगों के बीच संबंध को मजबूत करना और राष्ट्रव्यापी युवाओं के बीच समवेदना पैदा करना है, के रूप में संकल्पित किया गया है। ।”
आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रोफेसर के के पंत ने तेलंगाना के युवा संगम युवाओं की भावना की सराहना की। उन्होंने आगे कहा कि युवा संगम के पीछे का पूरा विचार भारत की विविधता का जश्न मनाना, एकता की भावना को फिर से जीवंत करना और भारत के लोकतंत्र और शिक्षा प्रणाली की ताकत को उजागर करना था।
युवा संगम की भावना की सराहना करते हुए आईआईटी रुड़की के छात्र कल्याण के डीन प्रोफेसर मुकेश कुमार बरुआ ने कहा, “कार्यक्रम के दौरान छात्रों ने भाषा, साहित्य, विज्ञान, पर्यटन, भोजन, त्यौहार, सांस्कृतिक कार्यक्रम इत्यादि कई कार्यक्रमों का दर्शन किया। इस कार्यक्रम ने उन्हें एक अलग भौगोलिक और सांस्कृतिक परिदृश्य में रहने का प्रत्यक्ष अनुभव दिया।”