कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर्व हेतु सम्पूर्ण मेला क्षेत्र को 9 जोन और 33 सेक्टरों में किया गया विभाजित, सम्पूर्ण मेला क्षेत्र पर सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से भी रखी जाएगी नजर
हरिद्वार । कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर्व (दिनांक 27.11.2023) को सकुशल संपन्न कराए जाने हेतु एसएसपी प्रमेन्द्र डोबाल, अपर जिलाधिकारी ( प्रशासन) पीo एलo शाह तथा अन्य अधिकारीगण की उपस्थिति में समस्त जोनल / सैक्टर मजिस्ट्रेट/ पुलिस बल को ऋषिकुल ऑडिटोरियम में ब्रीफ करते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए।
ब्रीफिंग के दौरान कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर्व का विशेष महत्व एवं लाखों की संख्या में पवित्र हर की पैड़ी पर गंगा स्नान हेतु आने वाले श्रद्धालुगण की संभावनाओं और व्यवस्थाओं के सम्बन्ध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।
स्थानीय अभिसूचना ईकाई के अधिकारी गुप्त रूप से पूरे मेला क्षेत्र में कड़ी नजर रखेंगे साथ ही प्रत्येक जोन में नियुक्त अन्य अधिकारीगण के साथ मिलकर क्षेत्र के संभ्रांत व्यक्तियों से समन्वय स्थापित कर किसी भी समस्या पर तत्काल उसका निवारण करेंगे।
ब्रीफिंग के दौरान प्रशासन एवं पुलिस के अधिकारियों द्वारा उपस्थित पुलिस बल को निम्नानुसार निर्देशित किया गया
1- विगत स्नानों में देखा गया कि कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर अचानक से भीड़ बढ़ जाती हैं जिससे हमें पहले से ही छोटी बड़ी सभी तैयारी करके रहना है l
2- प्रत्येक जोनल अधिकारी अपने अपने क्षेत्र में वैकल्पिक मार्गों का भीड़ बढ़ने की दशा में उपयोग कर जनसंख्या के दबाव को नियंत्रित करेंगे।
3- प्रत्येक पॉइंट पर नियुक्त पुलिसकर्मी का अपना विशेष महत्व है। थोड़ी सी भी लापरवाही से कोई भी समस्या उत्पन्न हो सकती है, इसलिए सभी लोग अपनी अपनी जिम्मेदारियों का दृढ़ता एवं संयम के हाथ निर्वहन करेंगे।
4- मनसा देवी, चंडी देवी में ड्यूटी प्रभारी यह सुनिश्चित करेगे की श्रद्धालुगण कतार में ही आगे बढ़ें। भीड़ का दबाव बढ़ने पर तत्काल कंट्रोल रूम को जानकारी देने के साथ व्यवस्थाओं को दुरुस्त रखेंगे।
5- महिला घाट पर नियुक्त महिला कर्मी मुस्तैदी के साथ अपनी ड्यूटी का निर्वहन करें। इस स्थान पर अधिक भीड़ की संभावनाएं रहती हैं क्योंकि प्रत्येक महिला एवं उसके परिजन उसी के आसपास रहते हैं। किसी को स्नान के लिए बहुत अधिक समय नहीं दिया जाए। महिला घाट से श्रद्धालुओं को लगातार बाहर निकालते रहना है।
6-स्नान के दौरान दो पारियों में क्रमशः 12-12 घंटे की ड्यूटी की व्यवस्था बनाई गई है जिस हेतु प्रत्येक कर्मी को सही समय पर आकर मुस्तैदी के साथ अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करना है।
7- स्नान के दौरान घाटों पर श्रद्धालुओं के डूबने की संभावनाएं बनी रहती हैं, घाटों पर नियुक्त जल पुलिस की टीमें लगातार मौजूद व सतर्क रहें जिससे कि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।
8- स्नान पर्व के पूर्व/दौरान हर की पैड़ी क्षेत्र से भिखारियों को हटाया जाए जिससे श्रद्धालुगण आसानी से आवागमन कर सकें।
9- स्नान पर्व के दौरान अप्रिय घटनाओं की रोकथाम हेतु बम निरोधक दस्ते/श्वान दल की टीमें नियुक्त की गई है। जो निरंतर गतिमान रहेगी तथा घाटों के संवेदनशील स्थानों के साथ-साथ रेलवे स्टेशन, बस अड्डा व अपर रोड़ मेला क्षेत्र में चेकिंग करते रहेंगे।
10- क्षेत्र में भीड़ नियंत्रण हेतु घुड़सवार पुलिस की दो टीमें नियुक्त की गई है। जो निरंतर गतिमान रहेगी।
11- राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने हेतु यातायात प्लान तैयार है उसका पूर्ण रूप से पालन करवाया जाए।
12- यातायात को सुचारू रूप से चलाए जाने हेतु पार्किंग का प्रयोग किया जाएगा साथ ही जो डायवर्जन बनाए गए हैं उन्हें बनाए गए यातायात प्लान के अनुसार लागू किया जाए, उसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए l
13- स्नान पर्व समाप्ति तक जनपद में भारी वाहनों का प्रवेश पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा। कोई ड्यूटी पर नियुक्त कर्मचारी अपने पॉइंट से बड़े वाहनों को नहीं छोड़ेंगे l
14- ड्यूटी पर नियुक्त पुलिस बल वाहनों को सड़क के किनारे किसी भी प्रकार से पार्क नहीं होने देंगे चाहे वह राष्ट्रीय राजमार्ग हो या अन्य मार्ग। सभी वाहनों को निर्धारित पार्किंग में भेजा जाए।
15- घाटों पर नियुक्त ड्यूटी प्रभारी प्रातः 2:00 बजे ही घाटों पर सो रहे श्रद्धालुओं को जगा कर घाटों को खाली करा दिया जाए।
16- समस्त कर्मचारीगण स्वच्छ वर्दी धारण करते हुए उच्च कोटि का अनुशासन बनाए रखेंगे।
17- कोई भी अधिकारी/कर्मचारीगण प्रतिस्थानी के आने से पूर्व अपना ड्यूटी स्थल नहीं छोड़ेगा। ड्यूटी पॉइंट छोड़ने से पूर्व अपने सेक्टर प्रभारी को अवश्य सूचित कराएंगे ।
18- प्रत्येक जोनल/ सेक्टर प्रभारी अपने-अपने जोन सेक्टर में नियुक्त पुलिस बल को भली-भांति ब्रीफ करना सुनिश्चित करेंगे। ड्यूटी से अनुपस्थित पुलिसकर्मी की रिपोर्ट कंट्रोल रूम में नोट कराएंगे जिससे कि समय रहते हुए उसकी बदली मेला सेल से भेजी जा सके।
19- जॉन/ सेक्टर प्रभारी/ सेक्टर मजिस्ट्रेट आपस में समन्वय बनाते हुए लाभप्रद सूचनाओं का समय-समय पर आदान प्रदान करते रहेंगे। सभी प्रभारी महत्वपूर्ण नंबरों का आपस में आदान-प्रदान कर लें।
20-सभी लोग श्रद्धालुओं से मधुर व्यवहार बनाए रखेंगे, ड्यूटी के दौरान अनावश्यक मोबाइल का प्रयोग कदापि नहीं करेंगे l
21- घाटों पर श्रद्धालुओं को अनावश्यक न बैठने दिया जाए। स्नान के बाद तुरंत उन्हें घाटों से बाहर उनके गंतव्य की ओर रवाना किया जाए|
22- स्नान पर्व के दौरान आकस्मिकता के दृष्टिगत बनाई गई SOP की जानकारी सभी को होनी आवश्यक है। हमें पता होना चाहिए की हमें क्या करना है और क्या नहीं।
23- हर की पेडी एवं अन्य घाटों पर पर्याप्त मात्रा में रस्सा एवं डिवाइडर रखे जाएं जिससे भीड़ बढ़ने पर उनका प्रयोग करते हुए भीड़ को नियंत्रित और डायवर्ट किया जा सके।
24- हर रूट पर टो वाहन नियुक्त किया जाए जिससे कि जाम की स्थिति आने पर खराब वाहन को तत्काल अन्यत्र शिफ्ट किया जा सके।
25-महत्वपूर्ण प्वाइंटों पर मेडिकल वाहन स्टाफ सहित नियुक्त होने चाहिए जिससे कि आवश्यकता पड़ने पर मौके पर ही श्रद्धालुओं को उपचार मिल सके।
26-ड्यूटी के दौरान शालीन परंतु दृढ़ रहना है।
27- विशेष परिस्थितियों के लिए रिजर्व फोर्स की व्यवस्था की गई है और जिसको आवश्यकतानुसार प्रयोग में लाया जाएगा।
उक्त अवसर पर समस्त जोनल सेक्टर पुलिस अधिकारी एवं प्रशासनिक सेक्टर मैजिस्ट्रेट एवं पुलिस प्रशासन कै अन्य अधिकारी/ कर्मचारीगण मौजूद रहे।
स्नान में नियुक्त पुलिस बल का विवरण-
पुलिस उपाधीक्षक- 9,
निरीक्षक/थानाध्यक्ष- 16,
उ0नि0/अ0उ0नि0- 59,
म0उ0नि0-4
अ0उ0नि0- 87
हे0का0प्रशिक्षु पीएसी- 244
मुख्य आरक्षी/आरक्षी/महिला आरक्षी-142, टीइसआई- 1, अ0उ0नि0 टीपी- 3, का0 टीपी- 10,
प्रशिक्षु म0का0 फायर – 165, अभिसूचना ईकाई- 11 टीम, बीडीएस/ डॉग स्क्वायड- 02 टीम, घुड़सवार पुलिस- 02 टीम/04 घोड़े, जल पुलिस- 4 टीम कर्मचारी, पीएसी- 02 कंपनी+ 01 प्लाटून डेढ़ सेक्शन, फायर- 03 यूनिट