आईआईटी रुड़की ने संस्थान के 176 स्थापना दिवस पर विशिष्ट पूर्व छात्र पुरस्कार समारोह-2022 की घोषणा की
रुड़की । भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की ने संस्थान के स्थापना दिवस के अवसर पर 2022 के विशिष्ट पूर्व छात्र पुरस्कारों की प्रस्तुति के माध्यम से उत्कृष्ट पूर्व छात्रों को मान्यता दी। यह सम्मान प्रतिष्ठित मुख्य भवन के सामने शांत वातावरण की पृष्ठभूमि में हुआ, जिससे इस अवसर के लिए एक शांत वातावरण तैयार हुआ। योगदान श्रेणी में समकक्षों के लिए स्व-स्पष्ट होना चाहिए, अर्थात् शैक्षणिक या अनुसंधान उत्कृष्टता, इंजीनियरिंग या प्रौद्योगिकी नवाचार में उत्कृष्टता, सरकारी या सार्वजनिक क्षेत्र में नेतृत्व में उत्कृष्टता, निजी क्षेत्र में नेतृत्व में उत्कृष्टता, उद्यमशीलता उत्कृष्टता, समाज की सेवा में उत्कृष्टता। प्रतिष्ठित युवा पूर्व छात्र पुरस्कार (डीवाईएए) 40 वर्ष से कम उम्र के आईआईटी रूड़की के पूर्व छात्रों को प्रदान किया जाता है।
उत्कृष्ट सेवा पुरस्कार (ओएसए) आईआईटी रूड़की समुदाय के शैक्षणिक, अनुसंधान एवं विकास प्रयासों को सशक्त करके, संकाय एवं छात्रों को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने कार्य को प्रदर्शित करने व बढ़ावा देने में सक्षम बनाकर व राज्य या केंद्र सरकार या निजी उद्योग से प्रायोजित अनुसंधान एवं औद्योगिक परामर्श को बढ़ावा देकर, शैक्षणिक एवं अनुसंधान में उत्कृष्टता को मान्यता देता है।
प्रतिष्ठित पूर्व छात्र पुरस्कार छह श्रेणियों में उनके असाधारण योगदान को मान्यता देने के लिए रूड़की विश्वविद्यालय (यूओआर) या आईआईटी रूड़की (आईआईटीआर) के पूर्व छात्रों को दिए जाते हैं। डीएए के लिए नामांकन दुनिया भर से आमंत्रित किए जाते हैं और कोई भी ऑनलाइन नामांकन जमा कर सकता है। प्रतिष्ठित पूर्व छात्र पुरस्कार प्रत्येक वर्ष स्थापना दिवस – 25 नवंबर को दिए जाते हैं।
प्रतिष्ठित पूर्व छात्र पुरस्कार विजेता:
सुश्री रश्मी वर्मा (1977 – बी.ई. – केमिकल इंजीनियरिंग): सुश्री रश्मी वर्मा कंपनी, मैपमायइंडिया की सह-संस्थापक और वर्तमान में सीटीओ हैं। वह भारत की पहली महिला तकनीकी उद्यमियों में से एक हैं।
प्रोफेसर अंबरीश चंद्रा (1977 – बी.ई. – विद्युत अभियांत्रिकी): प्रोफेसर अंबरीश चंद्रा 1999 से इकोले डी टेक्नोलोजी सुप्रीयर (ईटीटीएस), मॉन्ट्रियल, क्यूसी, कनाडा में विद्युत अभियांत्रिकी के पूर्ण प्रोफेसर हैं।
प्रोफेसर भरत भास्कर (1980 – बी.ई. – इलेक्ट्रॉनिक्स एवं संचार अभियांत्रिकी): प्रोफेसर भरत भास्कर वर्तमान में आईआईएम अहमदाबाद में निदेशक हैं। उन्होंने वर्जीनिया पॉलिटेक्निक इंस्टीट्यूट और स्टेट यूनिवर्सिटी, यूएसए से कंप्यूटर साइंस में पीएचडी और मास्टर डिग्री प्राप्त की।
श्री कमल बाली (1981 – बी.ई. – विद्युत अभियांत्रिकी): श्री कमल बाली चार दशकों से अधिक के शानदार करियर में, बीस वर्षों तक सीईओ के रूप में प्रतिष्ठित भारतीय और बहु-राष्ट्रीय संगठनों का नेतृत्व कर रहे हैं।
श्री विनय कुमार त्रिपाठी (1982 – बी.ई. – विद्युत अभियांत्रिकी): श्री विनय कुमार त्रिपाठी (1982 – बी.ई. – विद्युत अभियांत्रिकी) पूर्व अध्यक्ष, रेलवे बोर्ड, रेल मंत्रालय (01-01-2022 से 31-12-2022 तक)। श्री त्रिपाठी 1983 बैच में इंडियन रेलवे सर्विस ऑफ इलेक्ट्रिकल इंजीनियर्स (आईआरएसईई) के माध्यम से रेलवे में शामिल हुए।
श्री हरीश कुमार (1993 – एमएससी – भौतिकी): श्री. हरीश कुमार (1993 एमएससी भौतिकी), संस्थापक-एबिलिटी ऑन व्हील्स, ड्राइविंग के शौक़ीन एक दिव्यांग व्यक्ति हैं।
डॉ. अमित के. गुप्ता (2000- बी.ई. – विद्युत अभियांत्रिकी): डॉ. अमित के. गुप्ता रोल्स-रॉयस सिंगापुर पीटीई लिमिटेड में रोल्स-रॉयस इलेक्ट्रिकल के प्रमुख हैं। वह एनटीयू कॉरपोरेट लैब में रोल्स-रॉयस में इलेक्ट्रिकल प्रोग्राम के निदेशक और एनटीयू में इलेक्ट्रिकल पावर सिस्टम इंटीग्रेशन लैब के लिए रोल्स-रॉयस निदेशक हैं।
श्री रजत शिखर (2001- बी.टेक.- जानपद अभियांत्रिकी): श्री रजत शिखर डीलशेयर के सह-संस्थापक और सीपीटीओ, 15 वर्षों से अधिक समय से भारतीय ई-कॉमर्स पारिस्थितिकी तंत्र का हिस्सा रहे हैं और ई-कॉम 1.0 से सोशल कॉमर्स तक उत्पादों और प्रौद्योगिकी के निर्माण में योगदान दिया है।
प्रतिष्ठित युवा पूर्व छात्र पुरस्कार विजेता:
श्री सौरभ संचेती (2007 – बी.टेक. – इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग): श्री सौरभ संचेती ग्रुप सीएफओ – जियो प्लेटफॉर्म्स, मीडिया, इंटरनेट और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर कई व्यवसायों को बढ़ाने के सफल ट्रैक रिकॉर्ड के साथ एक कुशल बिजनेस लीडर हैं।
श्री निशांत चंद्रा (2014 – बी.टेक. – प्रोडक्शन एंड इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग): न्यूटन स्कूल के सह-संस्थापक श्री निशांत चंद्रा हमेशा लोकतांत्रिक शैक्षिक मॉडल बनाने के विचार से प्रेरित रहे हैं।
श्री सिद्धार्थ माहेश्वरी (2014 – बी.टेक. – कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग): श्री सिद्धार्थ माहेश्वरी न्यूटन स्कूल के सह-संस्थापक हैं। अपने अनूठे कार्यक्रमों के माध्यम से, न्यूटन स्कूल तकनीकी शिक्षा तक पहुंच का लोकतंत्रीकरण कर रहा है, वित्तीय और भौगोलिक बाधाओं को तोड़ रहा है, और व्यक्तियों को भविष्य के तकनीकी नेता बनने के अपने सपनों को प्राप्त करने में सक्षम बना रहा है।
उत्कृष्ट सेवा पुरस्कार विजेता:
श्री मोहिंदर एल. नैयर (1966 – बी.ई. – मैकेनिकल इंजीनियरिंग): श्री मोहिंदर एल. नैय्यर (1966 बी.ई. मैकेनिकल इंजीनियरिंग), एएसएमई लाइफ फेलो हैं और आईआईटी रूड़की के 2016 के प्रतिष्ठित पूर्व छात्र पुरस्कार के, एएसएमई मेल्विन जे ग्रीन मेडल, कोड और मानकों में सर्वोच्च पुरस्कार, और कई अन्य राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार के प्राप्तकर्ता है।
श्री प्रदीप कुमार कापसे (1972 – बी.ई. – मैकेनिकल इंजीनियरिंग): श्री प्रदीप कुमार कापसे (1972 बी.ई. – मैकेनिकल इंजीनियरिंग), तकनीकी सलाहकार आयशर मोटर्स लिमिटेड ने 1972 में ग्रेजुएट अपरेंटिस ट्रेनी के रूप में टाटा मोटर्स लिमिटेड से अपना करियर शुरू किया और संगठन को उन्होने निदेशक एवं जीएम के कार्यकारी सहायक पद पर चुनने के लिए प्रभावित किया। वहाँ कार्य करते समय उनका परिचय टाटा मोटर्स के चेयरमैन से एक युवा इंजीनियर के रूप में हुआ।
आईआईटी रूड़की के बीओजी अध्यक्ष श्री बी. वी. आर. मोहन रेड्डी ने गहरा आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “हमारे प्रतिभाशाली पूर्व छात्रों का अपने समर्पण, जुनून और अपनी कला के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के माध्यम से अपने चुने हुए रास्ते में उत्कृष्टता हासिल करने का विकल्प वर्तमान छात्रों और भविष्य की पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का प्रतीक है। उनकी उपलब्धियां हमें याद दिलाती हैं कि हमारा शैक्षणिक संस्थान क्यों आगे बढ़ रहा है।” प्रतिभा का उद्गम स्थल और प्रतिभा को बढ़ावा देने का केंद्र बनें। हम उनकी असाधारण उपलब्धियों का जश्न मनाते हैं, जो शिक्षा, लचीलेपन और अटूट दृढ़ संकल्प की परिवर्तनकारी शक्ति का प्रतीक है।”
इस अवसर पर बोलते हुए, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की के निदेशक प्रोफेसर के.के. पंत ने कहा, “सभी पुरस्कार विजेताओं को मेरी हार्दिक बधाई। कई उत्कृष्ट शोधकर्ताओं और संस्थानों को उनके अनुसंधान, इंजीनियरिंग एवं नेतृत्व उत्कृष्टता के लिए इन पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। इस तरह के पुरस्कार कई क्षेत्रों में उनकी समग्र उत्कृष्टता को पहचानने का एक शानदार माध्यम हैं। ज्ञान की सीमाओं को आगे बढ़ाकर, प्रभावशाली शोध से देश और दुनिया को बड़े पैमाने पर लाभ होता है। हमें उम्मीद है कि उनकी उपलब्धियाँ युवा शोधकर्ताओं को अपने संबंधित क्षेत्रों में उत्कृष्टता हासिल करने के लिए प्रेरित करेंगी।”
आईआईटी रूड़की के संसाधन और पूर्व छात्र के डीन प्रोफेसर आर.डी. गर्ग ने कहा, “संस्थान द्वारा आयोजित विशिष्ट पूर्व छात्र पुरस्कार समारोह वर्तमान छात्रों को वह जीवन जीने के लिए प्रेरित करता है जिसे वे भविष्य में हासिल करना चाहते हैं।