राष्ट्रीय प्रजापति महासंघ ने पिछड़े वर्ग के संवैधानिक अधिकारों का हनन रोकने की मांग की

हरिद्वार । राष्ट्रीय प्रजापति महासंघ ने पिछड़े वर्ग के प्रजापति, कुम्हार आदि जातियों के संवैधानिक अधिकारों का हनन रोकने की मांग की है। इसके लिए महासंघ ने जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय के माध्यम से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल और मुख्यमंत्री उत्तराखंड को अपनी मांगो का सात सूत्रीय ज्ञापन भेजा है।

मंगलवार को राष्ट्रीय प्रजापति महासंघ की प्रदेश अध्यक्ष संगीता प्रजापति ने बताया कि प्रजापति समाज, पिछड़ी जातियों और अति पिछड़ी जातियों के हित को ध्यान में रखते हुए सात सूत्रीय मांगो को लागू किया जाए। ताकि निर्बल, वंचित समाज लाभांवित हो सके। हमारी मुख्य मांग है की देश में जाति आधारित जनगणना कराई जाए और जिसकी जितनी संख्या उसको उतना आरक्षण दिया जाए। पिछड़ी जातियों में तत्काल प्रभाव से क्रीमी लेयर हटाया जाए। संविधान की धारा 16 में सामान्य जाति के गरीबों को आरक्षण देकर धारा में परिवर्तन कर दिया गया है। इस कारण वर्तमान आरक्षण व्यवस्था को समाप्त किया जाए। जिसकी जितनी संख्या भारी उतनी उसकी उतनी हिस्सेदारी के सिद्धांत को लागू कर दिया जाए। प्रजापति और कुम्हार जाति सहित अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति जैसी सुविधायें दी जायें। ज्ञापन भेजने के दौरान उषा प्रजापति, बिमलेश, ज्योति, पूजा, सुषमा, अरूण प्रजापति, सोमपाल प्रजापति, जगेश प्रजापति, जितेंद्र प्रजापति, राजकुमार प्रजापति आदि उपस्थित रहे।

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