उत्तराखंड में भाजपा कैसे करेगी 60 पार, कई सीटों पर पीछे नहीं हटे बागी, बिगाड़ रहे हैं जीत का समीकरण
देहरादून । उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए नाम वापसी का वक्त खत्म हो चुका है। नाम वापसी के आखिरी दिन तक बीजेपी और कांग्रेस को उम्मीद थी कि वे बागियों को मना लेंगे लेकिन कई सीटें ऐसी हैं, जहां पर बीजेपी और कांग्रेस के बागी अब भी मैदान में हैं और पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार की जीत का गणित बिगाड़ सकते हैं। नामांकन वापसी के आखिरी दिन भाजपा केवल छह बागियों को ही मनाने में कामयाब रही जबकि 12 विधानसभा सीटों पर भारतीय जनता पार्टी अभी भी मुश्किल में हैं और इन सीटों पर पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ उतरे बागी चुनाव मैदान से हटने को तैयार नहीं हुए। भाजपा के जिन बागियों ने पर्चा वापस नहीं लिया उनमें डोईवाला विधानसभा सीट से जितेंद्र नेगी, धनोल्टी से महावीर सिंह रांगड़, देहरादून कैंट से दिनेश रावत, धर्मपुर विधानसभा सीट से वीर सिंह पंवार, कर्णप्रयाग से टीका प्रसाद मैखुरी, कोटद्वार विधानसभा सीट से धीरेंद्र सिंह चौहान, भीमताल विधानसभा सीट से मनोज शाह, घनसाली से दर्शन लाल आर्य, यमुनोत्री से मनोज कोली, रुद्रपुर से राजकुमार ठुकराल, चकराता विधानसभा सीट से कमलेश भट्ट और किच्छा विधानसभा सीट से अजय तिवारी। बता दें कि भाजपा सिर्फ चार विधानसभा सीटों पर ही बागियों को मना पाई। इनमें डोईवाला सीट पर पार्टी बगावत कर निर्दलीय पर्चा भरने वाले सौरभ थपलियाल, सुभाष भट्ट, राहुल पंवार और वीरेंद्र रावत को मनाने में कामयाब रही।घनसाली सीट पर भाजपा ने बागी सोहन लाल खंडेलवाल को मना लिया। पिरानकलियर सीट पर बीजेपी के बागी जय भगवान ने भी पर्चा वापस ले लिया। वहीं कालाढूंगी में पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ बगावत को निर्दलीय मैदान में उतरे गजराज सिंब बिष्ट को भी भाजपा ने मना लिया। वहीं बागियों पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि नामांकन वापसी की तिथि खत्म होने के बावजूद पार्टी बागी उम्मीदवारों से बातचीत जारी रखेगी। पार्टी की पूरी कोशिश होगी वे सभी मान जाएं और अधिकृत प्रत्याशी के समर्थन में प्रचार करें। उन सभी ने पार्टी की लंबी सेवा की है, उनके खिलाफ कार्रवाई सबसे आखिरी विकल्प है।
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