सिख समाज ने गुरूद्वारा ज्ञान गोदड़ी को मूल स्थान दिए जाने की मांग की, वीरेंद्र सिंह ने कहा हरकी पैड़ी स्थित गुरूद्वारा ज्ञान गोदड़ी के लिए लंबे समय से संघर्ष कर रहा है सिख समाज
हरिद्वार । गुरूद्वारा ज्ञान गोदड़ी स्थापना की मांग कर रहे सिख समाज ने गुरूद्वारे के लिए हरकी पैड़ी स्थित मूल स्थान दिए जाने की मांग की है। प्रैस क्लब में पत्रकारवार्ता के दौरान वीरेंद्र सिंह शेखों ने कहा कि हरकी पैड़ी स्थित गुरूद्वारा ज्ञान गोदड़ी के लिए सिख समाज लंबे समय से संघर्ष कर रहा है। लेकिन सरकार मूल स्थान के बजाए किसी अन्य स्थान पर गुरूद्वारा बनवाना चाहती है। ऐसी जमीन पर गुरूद्वारा बनवाने की कोशिश की जा रही है। जो उत्तराखण्ड सरकार की है ही नहीं। कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक के नेतृत्व में बनी कमेटी भी सिखों को किसी अन्य स्थान के लिए राजी करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि मामले को उलझाने के लिए सरकार के इशारे पर ही न्यायालय में याचिका दायर की गयी है। उन्होंने आरोप लगाया कि सिख समाज के प्रति सरकार की मंशा ठीक नहीं है। हरिद्वार नगर निगम गुरूद्वारा ज्ञान गोदड़ी से संबंधित दस्तावेजों से भी छेड़छाड़ की गयी है। 1973 में सरकारी गजट के अनुसार जो भूमि सरकार ने नगर निगम से एक्वायर की थी। उसमें गंगाराम समाज के साथ गुरूद्वारा ज्ञान गोदड़ी गुरूद्वारा भी था। कार्य पूर्ण होने के पश्चात गंगाराम समाज को भूमि वापस कर दी गयी। लेकिन सिख समाज को गुरूद्वारे की भूमि आज तक वापस नहीं की गयी। जिसके लिए सिख समाज आज भी संघर्ष कर रहा है। हरकी पैड़ी पर गुरूद्वारा साहिब की भूमि पर भारत स्काऊट गार्डड का दफ्तार खोल दिया गया। जो सिखों के प्रति सरकार की मंशा को दर्शाता है। सूबा सिंह ने कहा कि जिस स्थान पर गुरूद्वारा बनाने के लिए धरना दिया जा रहा है। वह उससे सहमत नहीं है। गुरूद्वारा मूल स्थान पर ही बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग धरना स्थल पर गुरूद्वारा निर्माण की अनुमति देने से इंकार कर चुका है। लेकिन सोची समझी नीयत के तहत धरना स्थल पर निशान साहिब लगाया गया। सुब्बा सिंह ने यह भी कहा कि नगर निगम के पुराने दस्तावेजों में मूल स्थान हरकी पैड़ी पर ही दर्शाया गया है। लेकिन निगम के दस्तावेजों से भी छेड़छाड़ की गयी है। प्रैसवार्ता के दौरान जगजीत सिंह, मंजीत सिंह, चंचल सिंह, सतविन्दर सिंह सहित दर्जनों लोग मौजूद रहे।