व्यापारी दुकान के बाहर जीएसटी नंबर लिखें, प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल ने राज्य कर के अधिकारियों के समक्ष रखी अपनी समस्याएं
रुड़की । प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल ने राज्य कर के अधिकारियों के समाने अपनी समस्याओं को रखा। अधिकारियों ने व्यापारियों से प्रतिष्ठान के बाहर बोर्ड पर जीएसटी नंबर लिखने को कहा। राज्य कर विभाग रुड़की के सभागार कक्ष में प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल उत्तराखंड के पदाधिकारियों और संयुक्त आयुक्त कार्यपालक राज्य कर विभाग हरिद्वार अजय कुमार के बीच जीएसटी से संबंधित समस्याओं को लेकर बैठक हुई। जिसमें राज्य कर विभाग के अधिकारी अभय कुमार पांडे, पीपी शुक्ला, तारकेश्वर मिश्रा, पूनम राजपूत, अनंत, रजनीश आदि मौजूद रहे।
प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष अजय गुप्ता, प्रदेश महामंत्री नवीन गुलाटी, संयोजक रामगोपाल कंसल, महानगर अध्यक्ष चौधरी धीर सिंह रोड, महानगर महामंत्री दीपक अरोड़ा, कवीश मित्तल, जिलाध्यक्ष अनुज अग्रवाल, नगर प्रभारी भरत कपूर, जिला महामंत्री रतन अग्रवाल, विजय गोयल, अध्यक्ष सिविल लाइंस व्यापार मंडल विशाल वर्मा आदि मौजूद रहे। व्यापारियों ने जीएसटी से संबंधित समस्याओं को संयुक्त आयुक्त कार्यपालक को बताया। कहा कि लगातार जीएसटी से संबंधित समन्वय बैठकों का आयोजन राज्य कर विभाग के इस कार्यालय में होता रहेगा। सभी व्यापारियों से अनुरोध किया कि पंजीकृत व्यापारी अपने प्रतिष्ठान के बाहर बोर्ड पर अपना जीएसटी नंबर जरूर लिखें। जिससे भविष्य में होने वाली जांच प्रभावित न हो। बाहर से पढ़ कर ही राज्य कर विभाग के अधिकारी उस संबंधित प्रतिष्ठान से संबंधित जानकारी जुटा सकते हैं। जिससे व्यापारी को किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। नहीं तो विभागीय जांच निरंतर चलती रहती है। प्रतिष्ठान के बाहर नंबर न लिखे होने के कारण व्यापारी से जानकारी जुटानी पड़ती है। जिससे व्यापारी को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। समय-समय पर इस प्रकार की बैठकों का आयोजन कर के व्यापारियों की समस्याओं का निदान किया जाएगा। प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल उत्तराखंड के पदाधिकारियों ने संयुक्त आयुक्त को आश्वस्त किया कि व्यापारियों का पूरा सहयोग विभाग को मिलेगा। लेकिन फूड ग्रेन में ब्रांड और नॉन ब्रांड से संबंधित टैक्स की एक विषमता उत्पन्न हो गई है। जिसको जीएसटी काउंसिल के द्वारा समाप्त कर देना चाहिए। जिससे फूड ग्रेन के व्यापारी एक ही टैक्स दर में कार्य कर सकें। इस पर भी चर्चा हुई तथा राज्य कर विभाग के सचल दस्ते के द्वारा व्यापारियों का निरंतर उत्पीड़न किया जाता है। इस बारे में भी संबंधित समस्याओं से अवगत कराया गया। इस पर उन्होंने भविष्य में सहयोग करने का आश्वासन दिया।