जिला पंचायत अध्यक्ष सुभाष वर्मा की कुर्सी बरकरार, गढ़वाल मंडल आयुक्त के द्वारा दिए गए स्थगन आदेश के खिलाफ दायर याचिका खारिज

हरिद्वार । जिला पंचायत अध्यक्ष सुभाष वर्मा की कुर्सी बरकरार है। राजनीतिक दृष्टि से देखा जाए तो जिला पंचायत अध्यक्ष सुभाष वर्मा पहले से कहीं अधिक मजबूत होकर उभरे हैं। हाल में हुए घटनाक्रमों से उन्हें जनता के बीच कहीं ना कहीं सहानुभूति मिली है।
जिला पंचायत अध्यक्ष सुभाष वर्मा के खिलाफ अरविंद कुमार नामक एक व्यक्ति की ओर से याचिका दायर की गई थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि सुभाष वर्मा का गांव अब रुड़की नगर निगम का हिस्सा है। इसीलिए वह ग्रामीण क्षेत्र का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकते। लिहाजा, उनकी सदस्यता निरस्त की जाए। हाईकोर्ट से त्वरित सुनवाई के आदेश आने के बाद पिछले दिनों जिलाधिकारी हरिद्वार सी. रविशंकर ने जिला पंचायत अध्यक्ष सुभाष वर्मा की सदस्यता निरस्त कर दी थी । जिसमें जिला पंचायत अध्यक्ष सुभाष वर्मा ने जिलाधिकारी हरिद्वार के आदेश को मंडल आयुक्त गढ़वाल की कोर्ट में चुनौती दी थी । जहां से उन्हें जिलाधिकारी के आदेश पर स्थगन आदेश प्राप्त हो गया था। यह स्थगन आदेश जारी है और अब तक गढ़वाल मंडल आयुक्त गढ़वाल की कोर्ट में 2 तारीख लग भी चुकी है। इसी बीच अरविंद कुमार आयुक्त गढ़वाल मंडल की ओर से डीएम के आदेश पर दिए गए स्थगन आदेश के खिलाफ फिर नैनीताल हाईकोर्ट में गया। जिसमें कुछ तारीख के लगने के बाद आज सुनवाई हुई । दोनों पक्षों को सुनने के बाद नैनीताल हाईकोर्ट ने कहा की यदि आयुक्त गढ़वाल मंडल कोर्ट ने जिलाधिकारी के आदेश पर स्थगन आदेश जारी किया है तो उस स्थगन आदेश को उन्हीं की कोर्ट में चुनौती दी जाए । इसी के साथ याचिका पर सुनवाई बंद कर दी गई। कानूनविदो का भी कहना है कि जिलाधिकारी हरिद्वार के आदेश के खिलाफ मंडल आयुक्त गढ़वाल की कोर्ट में ही याचिका दायर होती है। इसमें जिला पंचायत अध्यक्ष सुभाष वर्मा ने कानूनी दृष्टि से सही रास्ता अख्तियार किया । कानूनीविदो का कहना है कि यदि दूसरे पक्ष को कमिश्नर के आदेश को चुनौती देनी थी तो पहले उन्हें संबंधित मामले में पक्षकार बनना था और इसके बाद कमिश्नर के द्वारा जिलाधिकारी के आदेश पर दिए गए स्थगन आदेश को उन्हीं के यहां पर चुनौती देते।लेकिन वह सीधे हाई कोर्ट पहुंच गए और उन्होंने कमिश्नर के द्वारा दिए गए स्थान आ गए आदेश को निरस्त कराने के प्रयास किए। इसीलिए वहां पर उन्हें कोई राहत नहीं मिल पाई। वहीं राजनीतिक जानकारों का कहना है कि अब विरोधी खेमा मंडलायुक्त की कोर्ट में पक्षकार कल बनने के बाद स्थगन आदेश को चुनौती दे सकता है या फिर नैनीताल हाईकोर्ट ने जो आज आदेश जारी किया है । उसके खिलाफ सीधे सुप्रीम कोर्ट भी जा सकता है। इसमें विरोधी खेमे की ओर से एक प्रयास ऐसे भी हो सकते हैं जैसे कि उसने डीएम के यहां जल्द सुनवाई के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। ऐसे ही वह कमिश्नर के यहां पक्षकार बनने के बाद जल्द से जल्द सुनवाई हो हाई कोर्ट जा सकते हैं। बहरहाल फिलहाल की स्थिति में जिला पंचायत अध्यक्ष सुभाष वर्मा काफी मजबूत स्थिति में पहुंच गए हैं। क्योंकि जनता के बीच भी उन्हें सहानुभूति मिल रही है। आम जनता का मानना है कि जिला पंचायत अध्यक्ष सुभाष वर्मा बहुत अच्छे ढंग से विकास कार्य को आगे बढ़ा रहे हैं । लेकिन उन्हें उलझाने की कोशिश विरोधी खेमे के द्वारा हो रही है।अब बाजी कहीं ना कहीं जिला पंचायत अध्यक्ष सुभाष वर्मा के पक्ष में नजर आ रही है।आज के निर्णय के बाद जिले भर के काफी लोगों ने जिला पंचायत अध्यक्ष सुभाष वर्मा को बधाई और शुभकामनाएं भी दी हैं। समर्थकों में खुशी का माहौल है।

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