खेत में आलू को देसी शराब पिला रहे किसान, झुलसा रोग से बचाने और उत्पादन बढ़ाने के लिए कर रहे इस्तेमाल
उत्तर प्रदेश में इन दिनों भयंकर सर्दी पड़ रही है. इटावा जिले में 3 से 5 डिग्री के बीच में तापमान बना हुआ है. इससे फसलों को नुकसान की संभावना जताई जा रही है. किसान आलू, सरसों और गेहूं की फसल को लेकर चिंतित हैं. किसानों की इसी परेशान के बीच एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. किसान आलू की फसल को झुलसा रोग से बचाने के साथ ही उत्पादन को बढ़ाने के लिए देशी शराब का इस्तेमाल करते दिखाई दे रहे हैं. किसान आलू की फसल में देसी शराब को पानी में मिलाकर छिड़काव कर रहे हैं.
किसानों का ऐसा मानना है कि इससे फसलों को रोग से बचा सकते हैं. साथ ही आलू का साइज बड़ा होने के साथ-साथ उत्पादन भी बढ़ेगा.
इस संबंध में कृषि उपनिदेशक आर एन सिंह का कहना है कि फसलों पर शराब का इस्तेमाल घातक हो सकता है. इससे फसल को नुकसान तो होगा ही और उत्पादन के बाद आलू का सेवन भी नुकसानदायक होगा. किसानों को फसल में शराब के इस्तेमाल से बचना चाहिए.
कृषि उपनिदेशक ने कहा कि इस क्षेत्र में गेहूं, सरसों और आलू की फसलों की पैदावार होती है. सर्दी होना रबी की फसलों के लिए लाभदायक होता है. सर्दी अधिक पड़ने से गेहूं की पैदावार अधिक होती है. आलू में झुलसा रोग से बचाने के लिए थोड़ा ध्यान देने की जरूरत है. सरसों में माहू रोग लग सकता है. इससे निजात पाने के लिए हल्के कीटनाशक का प्रयोग करना चाहिए. कहा कि आलू में झुलसा रोग से बचाव के लिए डाईथिंग एम-45 का घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए. ये बात किसान भी अच्छे से जानते हैं. फसल की पैदावार बढ़ाने के लिए शराब का इस्तेमाल घातक हो सकता है. किसानों से अनुरोध है कि ऐसा बिल्कुल न करें.