आईआईटी रुड़की ने एमबीए प्रोग्राम में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रीमियर बी-स्कूलों की तर्ज पर प्रोग्राम में टर्म (क्वार्टर) प्रणाली की शुरुआत की, नई व्यवस्था अगस्त 2020 के सत्र से लागू है
रुड़की । समय की आवश्यकताओं के अनुरूप पाठ्यक्रम में सुधार लाने और उत्कृष्टता हासिल करने के प्रयास में, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रुड़की ने अपने 2-वर्षीय एमबीए प्रोग्राम में टर्म (क्वार्टर) प्रणाली की शुरूआत की है, जिसके तहत प्रोग्राम के प्रत्येक वर्ष को चार टर्म में विभाजित किया गया है। इस नई व्यवस्था का उद्देश्य ज्ञान के आधार का विस्तार कर उत्कृष्टता प्राप्त करना तथा अनुसंधान और नवाचार को प्रोत्साहित करना है। डिपार्टमेंट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, आईआईटी रुड़की की इस पहल ने संस्थान को अन्य आईआईटी और आईआईएम जैसे भारत के प्रमुख बी-स्कूलों में शामिल कर दिया है, जहाँ प्रोग्राम की यह प्रणाली सफलतापूर्वक लागू है।आईआईटी रुड़की ने 2-वर्षीय एमबीए प्रोग्राम में टर्म (क्वार्टर) प्रणाली लागू कर एक नई सफलता हासिल की है। नई व्यवस्था उद्योग क्षेत्र की जरूरतों के अनुरूप है, जिसका भारत तथा विदेश में प्रतिष्ठित बी-स्कूलों में कार्यान्वयन का एक सफल रिकॉर्ड है। टर्म प्रणाली छात्रों को विविध पाठ्यक्रमों के माध्यम से व्यापक ज्ञान प्राप्त करने का अवसर प्रदान करेगी। यह उन व्यावहारिक ज्ञान का पूरक होगा जो छात्रों में उद्योग-4.0 की चुनौतियों से निपटने के लिए समस्या-समाधान, क्रिटिकल थिंकिंग, और निर्णय लेने की क्षमताओं का विकास करेगा,”प्रो. एम. परिदा, उप निदेशक, आईआईटी रुड़की, ने कहा। यह नई व्यवस्था अगस्त 2020 के सत्र से लागू की गई है। आगे से एमबीए प्रोग्राम के पहले वर्ष में ज्यादातर सैद्धांतिक विषय शामिल होंगे जबकि दूसरे वर्ष में व्यावहारिक ज्ञान पर ज़ोर दिया जाएगा, जिसमें उद्योग संस्थानों के दौरे, कॉरपोरेट इंटरैक्शन, प्रोजेक्ट्स, और अनुसंधान शामिल है। अंतिम टर्म (8वीं तिमाही) में केवल एक फ़ाइनल प्रोजेक्ट होगा, जो छात्रों को पाठ्यक्रम के व्यावहारिक पहलू से जोड़ने पर केन्द्रित होगा। यह कदम प्रोजेक्ट से जुड़े संकाय सदस्यों को अपने प्रोजेक्ट को पूरा करने में छात्रों के सहयोग के लिए अधिक से अधिक समय देने का अवसर प्रदान करेगा। “टर्म प्रणाली छात्रों को विभिन्न विषयों की एक सीरीज से परिचय कराएगी, जबकि पाठ्यक्रम के व्यावहारिक भाग में प्रासंगिक उद्योग जोखिम और प्रोजेक्ट वर्क शामिल होंगे। इस नई प्रणाली का एक सफल रिकॉर्ड छात्रों को भविष्य के कामकाजी आवश्यकताओं के अनुरूप तैयार करने में रहा है” प्रो. एम. के. बरुआ, हेड- डिपार्टमेंट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, आईआईटी रुड़की, ने कहा।नए प्रोग्राम की कुछ मुख्य विशेषताएं 1 क्रेडिट, 1.5 क्रेडिट और 2 क्रेडिट वाले पाठ्यक्रमों की शुरूआत है, जो पाठ्यक्रम में अधिक विषयों को शामिल करने की अनुमति देगा। इसके साथ ही टर्म-4 (वर्ष-1) से कंपनियों में उच्च मांग वाले विषय को ऐच्छिक रूप से चुनने, पढ़ने और पढ़ाने की स्वतंत्रता होगी, प्लेसमेंट सत्र से पहले छात्रों इनका आवश्यक ज्ञान प्राप्त करना महत्वपूर्ण है।