शहरी विकास मंत्री के पत्र की रुड़की नगर निगम में उड़ रही खिल्ली, पत्र में सहायक नगर अधिकारी और लिपिक के खिलाफ कार्रवाई के दिए गए निर्देश
रुड़की । शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक के द्वारा पार्षद के शिकायती पत्र पर सहायक नगर अधिकारी और लिपिक के खिलाफ कार्रवाई के लिए शहरी विकास सचिव को निर्देशित किए जाने संबंधी पत्र की रुड़की नगर निगम में खिल्ली उड़ रही है। दरअसल, पार्षद धीरज पाल के द्वारा पिछले दिनों सहायक नगर अधिकारी और लिपिक के खिलाफ शिकायत की गई है उसी से ख्याति पत्र पर शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक के द्वारा शहरी विकास सचिव को कार्रवाई के लिए लिखा गया है । साथ ही शहरी विकास मंत्री की ओर से पार्षद को भी एक पत्र भेजा गया है। जिसमें कहा गया है कि आपके शिकायती पत्र पर संज्ञान लेते हुए शहरी विकास सचिव को कार्रवाई हेतु निर्देशित किया गया है। अभिषेक यात्री पत्र पर जो शहरी विकास मंत्री की ओर से कार्रवाई के लिए लिखा गया है उस पर किसी भी स्तर पर कोई अमल नहीं हो रहा है। जिस कारण शहरी विकास मंत्री के इस निर्देशित पत्र की रुड़की नगर निगम में खिल्ली उड़ाई जा रही है। नगर निगम कार्यालय में जो भी पार्षद व अन्य नागरिक आ रहा है । वही मजाकिये लहजे में पूछ रहा है कि शहरी विकास मंत्री की ओर से लिपिक और सहायक नगर अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई के लिए दिए गए निदेर्शों का क्या हुआ है? क्योंकि शहरी विकास मंत्री की ओर से शहरी विकास सचिव को 15 दिन पहले निर्देशित किया गया था । लेकिन इसका कोई असर रुड़की नगर निगम के सहायक नगर अधिकारी और संबंधित लिपिक पर नजर नहीं आ रहा है। हालांकि अब चर्चा इस बात की भी है कि पार्षद धीरज पाल अब अपनी शिकायत से मुकर गए हैं। वह कह रहे हैं कि उनके द्वारा कोई शिकायत की ही नहीं गई। जबकि जिस शिकायती पत्र पर कार्रवाई के लिए लिखा गया है । उस पर धीरज पाल के ही हस्ताक्षर हैं। अब धीरज पाल शिकायत को पत्र पर अपने हस्ताक्षर न होने की बात क्यों कह रहे हैं ।इसको लेकर तमाम बातें सामने आ रही है। उनके हस्ताक्षर फर्जी नहीं हो सकते और न ही उन्हें कोई बरगला कर शिकायत करा सकता है क्योंकि वह कई बार के पार्षद हैं। बहरहाल रुड़की नगर निगम स्तर पर क्या राजनीति हो रही है और कौन किसे मात देने की कोशिश में लगा है। यह बात अलग है। लेकिन शहरी विकास मंत्री के निर्देशित पत्र की यहां पर जमकर खिल्ली उड़ रही है। अब समझ नहीं आ रहा है कि शहरी विकास मंत्री तक इस पत्र की कहानी पहुंची है या नहीं। तीन-चार दिन तक तो यही कहा जाता रहा कि कैबिनेट मंत्री विधानसभा सत्र में व्यस्त रहे हैं । लेकिन अब वह देहरादून पहुंच गए हैं तो देखना यह है कि इस पत्र पर वह क्या संज्ञान लेते हैं। या फिर इस पत्र पर रोजाना इसी तरह से खिल्ली उड़ती रहेगी। जानकारी के लिए बता दें कि जो शिकायत पत्र पर शहरी विकास मंत्री ने शहरी विकास सचिव को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया है ।उसमें सहायक नगर अधिकारी पर सरकारी धन के दुरुपयोग के आरोप हैं।