सियाचिन में बलिदान देने वाले हवलदार जगेंद्र सिंह को दी गई अंतिम विदाई, लगे भारत माता की जय के नारे, पिता बोले- बेटे के ऊपर गर्व, दिया देश के लिए बलिदान
देहरादून । देश की रक्षा करते हुए अपना बलिदान देने वाले बलिदानी हवलदार जगेंद्र सिंह चौहान का पार्थिव शरीर शुक्रवार उनके आवास पर लाया गया, जहां पर सैकड़ों की संख्या में एकत्र ग्रामीणों ने नम आंखों से वीरगति को प्राप्त जगेंद्र को अपनी श्रद्धांजलि दी। सरकार की ओर से प्रतिनिधि के रूप में आए कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने शहीद को नमन किया। 20 फरवरी को बलिदानी जगेंद्र सिंह चौहान सियाचिन में ड्यूटी में गश्त करने के दौरान ग्लेशियर टूटने से चोटिल हो गए थे। जिनका अस्पताल में उपचार के दौरान 21 फरवरी को निधन हो गया था। जिसकी सूचना परिवार को रात्रि 11:45 पर सेना के अधिकारियों ने दी। सूचना के बाद से ही परिवार में मातम छा गया। सूचना के बाद बलिदानी के पिता सेवानिवृत्त सूबेदार मेजर राजेंद्र सिंह चौहान, माता विमला चौहान, पत्नी किरन चौहान, भाई अजेंद्र व मनमोहन चौहान को स्थानीय ग्रामीणों ने ढांढस बंधाया। साथ ही भारी संख्या में ग्रामीणो ने बलिदानी के घर पहुंच कर अपनी सांत्वना व्यक्त की। शुक्रवार को बलिदानी जगेंद्र सिंह चौहान का पार्थिव शरीर उनके आवास पर कान्हरवाला डोईवाला लाया गया, जहां पर सेना की ओर से सलामी देने के बाद शहर वासियों की ओर से बलिदानी के पार्थिव शरीर को उनके आवास से लेकर भानियावाला तिराहे तक अपने कंधों में उठाकर ले जाया गया और भारत माता की जय, शहीद जगेंद्र सिंह अमर रहे के नारों के बीच अंतिम विदाई दी गई। इसके बाद शहीद के पार्थिव शरीर को हरिद्वार स्थित घाट पर ले जाकर अंतिम संस्कार किया गया। शहीद की अंतिम यात्रा में मुख्य रूप से तहसीलदार सुशील सैनी, उपनिरीक्षक मुकेश डिमरी, पूर्व प्रधान नरेंद्र सिंह नेगी, मनवीर सिंह बिष्ट, गौरव सिंह, ब्रज भूषण गैरोला, मनोज नौटियाल, ईश्वर रौथान, मोहित उनियाल, दिनेश सजवाण, विनय कंडवाल, सुखदेव चौहान, सागर मनवाल आदि सैकड़ों ग्रामीण मौजूद रहे।