उत्तराखंड में भाजपा ने तीन सीटों पर घोषित किए प्रत्याशी, जानिए किस सीट पर किन्हें मिला मौका

 

देहरादून । भाजपा ने उत्तराखंड की पांच लोकसभा सीटों में से तीन पर उम्मीदवार रिपीट कर दिए हैं। किसी भी तरह का प्रयोग करने से बचते हुए पार्टी की चुनाव समिति ने टिहरी लोकसभा सीट से सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह, अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ से अजय टम्टा और नैनीताल-ऊधमसिंह नगर से अजय भट्ट को प्रत्याशी घोषित किया है। गढ़वाल और हरिद्वार लोकसभा सीट पर अभी पेच फंसा है। इन दोनों सीटों पर उम्मीदवार बदले जा सकते हैं। केंद्रीय नेतृत्व ने टिहरी लोस सीट पर राजशाही परिवार पर भरोसा जताते हुए माला राज्य लक्ष्मी शाह पर फिर से भरोसा जताया है। हालांकि, प्रत्याशियों की घोषणा से पहले तक माला राज्य लक्ष्मी शाह के टिकट को लेकर तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं। इस सीट पर कई दावेदारों के नाम भी सामने आ रहे थे, लेकिन अंततः माला राज्य लक्ष्मी को पार्टी ने लगातार तीसरे चुनाव अपना उम्मीदवार बनाया है। अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ लोकसभा सीट पर पार्टी ने अजय टम्टा पर फिर से विश्वास जताया है। इस सीट को लेकर अटकलों का बाजार खासा गर्म था।लंबे समय से चर्चाएं थी कि केंद्रीय नेतृत्व इस सीट पर नया प्रयोग कर सकता है। लेकिन, टम्टा को प्रत्याशी बनाने के साथ इन अटकलों पर भी पूर्ण विराम लग गया है। टम्टा भी तीसरी बार चुनाव मैदान में नजर आएंगे। इससे पहले वह भी 2014 और 2019 का लोस चुनाव जीत चुके हैं। पार्टी ने नैनीताल-ऊधम सिंह नगर लोस सीट पर सांसद अजय भट्ट पर दांव लगाया है। भट्ट केंद्र में रक्षा व पर्यटन राज्यमंत्री हैं। पार्टी ने उन्हें 2019 में इस सीट पर प्रत्याशी बनाया था। 2014 में इस सीट पर भगत सिंह कोश्यारी सांसद थे। भट्ट को पार्टी ने लगातार दूसरी बार मौका दिया है। लोकसभा चुनाव के प्रत्याशियों की पहली सूची में हरिद्वार और गढ़वाल लोससभा सीट के प्रत्याशियों के नाम शामिल नहीं है। माना जा रहा कि इन दोनों सीटों पर प्रत्याशियों के नामों को लेकर अभी कशमकश है। गढ़वाल से पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत सांसद हैं, जबकि हरिद्वार का प्रतिनिधित्व पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक कर रहे हैं। भाजपा केंद्रीय नेतृत्व अपनी दूसरी सूची में इन दोनों सीटों के प्रत्याशियों के नाम घोषित कर सकता है। पहली सूची में दोनों सीटों के प्रत्याशियों के नाम शामिल न होने को लेकर सियासी हलकों में चर्चाएं हैं कि केंद्रीय नेतृत्व यहां नया प्रयोग करने के मूड में है।

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