बसपा सुप्रीमो मायावती ने कार्यकर्ताओं में भरा जोश, बोलीं- हम इन विरोधी पार्टीयों की तरह नहीं
रुड़की । बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवारों के समर्थन में चुनावी जनसभा को संबोधित करने रुड़की पहुंची बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि हम विरोधी पार्टियों की तरह नहीं हैं। केवल बसपा एक ऐसी पार्टी है जो चंद धन्ना सेठों की रहमों करम से नहीं बल्कि अपने कार्यकर्ताओं की मेहनत के बल पर चुनाव लड़ती है। उत्तराखंड में चल रहे 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती का यह हरिद्वार में पहला दौरा है। गुरुवार को बहुजन समाज पार्टी की ओर से प्रदेश स्तरीय चुनावी जनसभा रुड़की के कोर कालेज ग्राउंड में आयोजित की गई। जनसभा में उत्तराखंड प्रदेश एवं जिला स्तर के सभी पदाधिकारी और हरिद्वार जिले की 11 विधानसभाओं पर चुनाव लड़ रहे हैं प्रत्याशी अपने समर्थकों के साथ पहुंचे। यहां उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती ने पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों में जोश भरने का कार्य किया। मायावती ने कहा कि ये विरोधी राजनीतिक पार्टियां सत्ता में आती रही हैं। अधिकतर मामलों में अपनी नीतियां जनता के समाज सुधार में इस्तेमाल करने के बजाए चंद पूंजीपतियों और धन्ना सेठो को फायदा पहुंचाने के तैयार करती हैं। हम इन विरोधी पार्टीयों की तरह नहीं है। केवल बसपा एक ऐसी पार्टी है जो इन चंद धन्ना सेठों की के रहमों करम से नहीं बल्कि अपने कार्यकर्ताओं की मेहनत के बल पर चुनाव लड़ती है। विरोधी सरकारों में पिछड़े दलितों और अल्पसंख्यकों के साथ जातिवादी और पूर्व सोच के साथ अन्य प्लानिंग की जाती रही हैं। उन्होंने कहा कि जब तीसरी बार मेरे नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में हमारी सरकार बनी थी तब मैंने यहां हरिद्वार और मैदानी क्षेत्रों और पहाड़ी जिलों में उत्तर प्रदेश की जमीनों को यहां के लोगों से छीन कर भूमिहीनों को बांटने का काम नहीं किया, बल्कि जो हमारे उत्तर प्रदेश की सरकारी जमीनें यहां खाली पड़ी थी वह हमने हरिद्वार और अन्य मैदानी क्षेत्रों पहाड़ी और कुमाऊं क्षेत्रों के भूमिहीन लोगों को देने का कार्य किया। उन्होंने कहा कि हमने हमेशा सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय के आधार पर अपने सरकार चलाई। हरिद्वार से सभी विधानसभा पर चुनाव लड़ रहे बसपा प्रत्याशियों की ओर इशारा करते हुए मायावती ने कहा कि विधानसभा चुनाव में कांशीराम और अंबेडकर साहब की भावनाओं को ध्यान में रखकर बसपा के प्रत्याशियों को जिताना है। जिससे कांशीराम और बाबा साहब का सपना पूरा हो सके।