रुड़की । मकर सक्रांति के अवसर पर समाजसेवी डॉ अमन गुप्ता ने कुष्ठ आश्रम पहुंचकर जरूरतमंदों को फल वितरित किए। इस दौरान उन्होंने जरुरतमंदों के हाल को भी जाना।उन्होंने कहा कि हमारा देश पर्व और त्योहारों का देश है। यहां विभिन्न धर्मो के लोग आपसी प्रेम और भाइचारगी के साथ त्योहारों को मनाते हैं। इसमें मकर संक्रांति एक ऐसा पर्व है जो पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है।
बता दें कि मकर संक्रांति को स्नान और दान का पर्व भी कहा जाता है। इस दिन तीर्थों एवं पवित्र नदियों में स्नान का बेहद महत्व है साथ ही तिल, गुड़, खिचड़ी, फल एवं राशि अनुसार दान करने पर पुण्य की प्राप्ति होती है। ऐसा भी माना जाता है कि इस दिन किए गए दान से सूर्य देवता प्रसन्न होते हैं।
महाभारत में भीष्म पितामह ने सूर्य के उत्तरायण होने पर ही माघ शुक्ल अष्टमी के दिन स्वेच्छा से शरीर का परित्याग किया था। उनका श्राद्ध संस्कार भी सूर्य की उत्तरायण गति में हुआ था। फलतः आज तक पितरों की प्रसन्नता के लिए तिल अर्घ्य एवं जल तर्पण की प्रथा मकर संक्रांति के अवसर पर प्रचलित है।
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