हैवान बना पति: पत्नी-बेटी की हत्या के आरोपी ई-रिक्शा चालक को भेजा जेल, बेटे का नहीं चला पता

गाजियाबाद । गाजियाबाद के सिहानी गांव के सद्दीक नगर में शुक्रवार सुबह पत्नी रेखा और बेटी ताशू की फावड़े से काटकर हत्या करने के आरोपी ई-रिक्शा चालक संजय पाल को पुलिस ने शनिवार को कोर्ट के सामने पेश किया। वहां से उसे जेल भेज दिया। उसने पुलिस के सामने शुक्रवार को ही अपना जुर्म कुबूल कर लिया था। इसी मामले में नामजद उसके बेटे कुनाल का दूसरे दिन भी कुछ पता नहीं चल सका। उसके लापता रहने से उस पर दोहरे हत्याकांड में शामिल होने का शक गहरा रहा है। पुलिस पूछताछ में संजय ने कहा था कि कुनाल अपने दादा खेमचंद को लेकर डॉक्टर के पास गया था। वहां से लौटा ही नहीं। वारदात के वक्त घर में कुनाल मौजूद नहीं था। रेखा के भाई ने एफआईआर में कुनाल पर भी शक जताया है। उनका कहना है कि रेखा और ताशू की हत्या संजय ने अकेले नहीं की। कुनाल ने उसका साथ दिया है। शुक्रवार को खेमचंद और कुनाल में से कोई सामने नहीं आया था। शनिवार को खेमचंद आ गए। उन्होंने पुलिस को बताया कि कु नाल अस्पताल तक उनके साथ गया था लेकिन वहां से कहां चला गया, उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। सवाल यह उठ रहा है कि वह दादा को अस्पताल में अकेले छोड़कर क्यों लापता थाना प्रभारी रमेश सिंह सिद्धू का कहना है कि कुनाल के पकड़े जाने पर पूछताछ के बाद उसकी भूमिका स्पष्ट हो सकेगी। पुलिस ने संजय से हुई पूछताछ के बारे में बताया कि उसने कई बार कहा कि उसे पत्नी और बेटी की हत्या का कोई पछतावा नहीं है। उसने यह वारदात अचानक नहीं की, बल्कि इसकी पहले से ठान रखी थी। पत्नी खुद तो किसी से मिलने जाती ही थी, बेटी को भी साथ ले जाती थी। अगर वह बेटी की जान नहीं लेता तो वह भी गलत काम में पड़ जाती। यह उसे बर्दाश्त नहीं था। संजय ने पुलिस पूछताछ में कहा कि उसने पत्नी से कहा था कि वह सिर्फ घर का काम करे, बच्चों की देखभाल करे, इसके सिवाय कुछ और करने की जरूरत नहीं है। उसने उससे अकेले बाहर जाने के लिए मना किया था लेकिन वह नहीं मानी। वह उसकी कोई बात मानती ही नहीं थी। उसने कहा था कि वह इंस्टाग्राम पर वीडियो न डाले, लेकिन वह रील बनाती भी थी और डालती भी थी। वह उसकी मर्जी के खिलाफ नमो क्रांति संगठन से भी जुड़ गई थी।

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