आईआईटी रुड़की एवं हेस्को ने ग्रामीण स्थिरता और समुदाय-केंद्रित नवाचार को आगे बढ़ाने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए, हिमालयी क्षेत्र के लिए कम लागत वाली, पर्यावरण के अनुकूल प्रौद्योगिकियों के सह-विकास के लिए साझेदारी
रुड़की । भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की (आईआईटी रुड़की) ने हिमालयी पर्यावरण अध्ययन एवं संरक्षण संगठन (एचईएससीओ), देहरादून के साथ एक रणनीतिक समझौता ज्ञापन (एमओए) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसका उद्देश्य ग्रामीण और हिमालयी क्षेत्रों में सतत विकास एवं नवाचार को संयुक्त रूप से बढ़ावा देना है। आज आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रोफेसर के.के. पंत और एचईएससीओ के विशेष सलाहकार और अमेरिकी रक्षा विभाग, पेंटागन के विशेष सलाहकार प्रोफेसर कोरी ग्लिकमैन की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
इस समझौते पर औपचारिक रूप से आईआईटी रुड़की के कुलशासक (प्रायोजित अनुसंधान एवं औद्योगिक परामर्श) प्रोफेसर अक्षय द्विवेदी और हेस्को के संस्थापक पद्म भूषण पुरस्कार विजेता डॉ. अनिल प्रकाश जोशी ने हस्ताक्षर किए। समारोह में मौजूद अन्य गणमान्य व्यक्तियों में अकादमिक मामलों के कुलशासक प्रोफेसर नवीन के नवानी, जल संसाधन विकास एवं प्रबंधन विभाग के प्रोफेसर आशीष पांडे और हेस्को के प्रतिनिधि डॉ. शिवम जोशी, सुश्री पारुल नेगी और सुश्री ज्योति परमार शामिल थे।
यह सहयोग हिमालयी क्षेत्र की अनूठी चुनौतियों के अनुरूप कम लागत वाली, पर्यावरण अनुकूल तकनीक विकसित करने पर केंद्रित है। संयुक्त शोध परियोजनाएं, छात्रों के लिए पीएचडी और इंटर्नशिप के अवसर, सामुदायिक आउटरीच कार्यक्रम एवं क्षमता निर्माण कार्यशालाएं इस साझेदारी के प्रमुख घटकों में से हैं।
इस अवसर पर बोलते हुए, आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. के. के. पंत ने कहा, “यह साझेदारी अत्याधुनिक शोध को समाज की वास्तविक आवश्यकताओं के साथ जोड़ने के हमारे मिशन का सार है। हेस्को के साथ मिलकर कार्य करके, हमारा लक्ष्य ऐसे तकनीकी समाधान प्रस्तुत करना है जो न केवल टिकाऊ हों बल्कि हिमालयी क्षेत्र में वंचित समुदायों के लिए भी सुलभ हों।”
यह समझौता ज्ञापन राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के उद्देश्यों के अनुरूप है, जिसमें अनुभवात्मक एवं व्यावहारिक शिक्षा पर जोर दिया गया है। आईआईटी रुड़की के छात्रों को इंजीनियरिंग, पर्यावरणीय स्थिरता और सामुदायिक सहभागिता को जोड़ने वाली फील्ड परियोजनाओं का व्यावहारिक अनुभव मिलेगा।
हेस्को के संस्थापक डॉ. अनिल प्रकाश जोशी ने कहा, “आईआईटी रुड़की के साथ हमारा सहयोग ग्रामीण भारत को सशक्त बनाने की हमारी चल रही यात्रा में एक मील का पत्थर है। साथ मिलकर, हम जमीनी स्तर के नवाचार को अकादमिक उत्कृष्टता के साथ एकीकृत कर ऐसे समाधान तैयार कर सकते हैं जो सार्थक बदलाव ला सकें।”
यह समझौता समावेशी विकास के लिए आईआईटी रुड़की की निरंतर प्रतिबद्धता और प्रभावशाली, प्रौद्योगिकी-संचालित पहलों के माध्यम से शिक्षा-समाज साझेदारी को मजबूत करने में इसकी सक्रिय भूमिका को दर्शाता है।