सक्रिय जीवन एवं कर्मशील बनने की प्रेरणा देती है भारतीय संस्कृति, तीरंदाजी (आरचरी) अंडर-14 तथा जूनियर बालक एवं बालिका वर्ग मे आयोजित चैम्पियनशिप का शुभारम्भ
हरिद्वार। लक्ष्य ही व्यक्ति को जीवन मे कर्म करने के लिए तत्पर बनाता है। बिना लक्ष्य के जीवन अस्तित्वहीन है जिसमे भारतीय संस्कृति सदैव सक्रिय जीवन एवं कर्मशील बनने की प्रेरणा देती है। गुरुकुल कांगडी विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ0 शिवकुमार चौहान ने तीरंदाजी की तीसरी राष्ट्रीय चैम्पियनशिप के शुभारम्भ अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि यह उदगार व्यक्त किये।
एचीवर्स होम पब्लिक स्कूल प्रांगण मे रामजी की फाउन्डेशन (आर0जी0के0) के तत्वावधान मे तीरंदाजी (आरचरी) अंडर-14 तथा जूनियर बालक एवं बालिका वर्ग मे आयोजित चैम्पियनशिप का शुभारम्भ किया गया। प्रतियोगिता का शुभारम् भगवान राम के चित्र पर माल्यापर्ण एवं वैदक मत्रोच्चार के माध्यम से आरम्भ हुआ।
विशिष्ट अतिथि एवं अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा, हरिद्वार के जिलाध्यक्ष शेखर राणा ने कहॉ कि देवभूमि मे खिलाडियों को तीरंदाजी मे प्रतिभाग करने तथा मां गंगा का आशीर्वाद प्राप्त करने का पवित्र अवसर प्राप्त हुआ है। सभी खिलाडी अपनी योग्यता तथा परिश्रम से अपने लक्ष्य को प्राप्त करने मे सफल होगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजसेवी नरेन्द्र चौहान ने करते हुये कहॉ कि देश तथा समाज की वर्तमान स्थिति मे लडके तथा लडकियों को तीरंदाजी को एक उपयोगी विकल्प के रूप मे अपनाना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन करते हुये आयोजक मंडल के सचिव रमेश सेमवाल ने बताया कि इस चैम्पियनशिप मे झारखंड, छतीसगढ, असाम, त्रिपुरा, कर्नाटक, तमिलनाडू, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, जम्मू, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड सहित 13 राज्यों की टीमे प्रतिभाग कर रही है। आयोजन समिति के निदेशक कुलदीप सिंह चौहान ने बताया कि 25 जून तक तीरंदाजी की इस नेशनल चैम्पियनशिप मे सभी वर्गो मे पुरूष तथा महिला दोनो वर्गो मे इवेन्ट आयोजित किये जा रहे है। रामजी की फेडरेशन के द्वारा हरिद्वार मे तीसरी बार नेशनल चैम्पियनशिप आयोजित की जा रही है। इस अवसर पर प्रेम सिंह राणा, सुशील पुंडीर, अजय चौहान, रक्षित चौहान, अवर अभियंता गौरव राणा, आफिशियलस, कोच, मैनेजर एवं अभिभावकगण उपस्थित रहे। आयोजक मंडल द्वारा सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह के साथ प्रशस्ति-पत्र प्रदान कर आभार ज्ञापित किया।