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बाघों के प्राकृतिक आवासों की रक्षा के लिए एक वैश्विक प्रणाली को बढ़ावा देना जरूरी

रुड़की। अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस के अवसर पर हर्ष विद्या मंदिर पीजी कॉलेज रायसी के जंतु विज्ञान विभाग द्वारा स्लोगन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया l इस कार्यक्रम का उद्देश्य बाघों के संरक्षण और उनकी विलुप्त होती प्रजातियों को बचाने के लिए छात्रों को जागरूक करना था l इसके अतिरिक्त छात्र छात्राओं को भारत में बाघ संरक्षण परियोजनाओं पर आधारित लघु चलचित्र दिखाई गईl इस अवसर पर महाविद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष डॉक्टर के पी सिंह द्वारा छात्र-छात्राओं को बाघ संरक्षण से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी दी गई व जंतु विज्ञान विभाग द्वारा किए गए इस कार्य की सराहना की l प्राचार्य डॉ राजेश चंद्र पालीवाल ने कहा इस दिवस की शुरुआत साल 2010 में रूस के पिट्सबर्ग शहर में हुई थीl इसीलिए हर साल 29 जुलाई को बाघों की घटती आबादी के बारे में जागरूकता बढ़ाने और उनके संरक्षण के प्रयासों के लिए इस दिवस को मनाया जाता हैl जंतु विज्ञान विभाग की प्रवक्ता डॉ रश्मि नौटियाल द्वारा छात्र छात्राओं को बताया गया कि इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य बाघों के प्राकृतिक आवासों की रक्षा के लिए एक वैश्विक प्रणाली को बढ़ावा देना है l डॉ नेहा सिंह द्वारा भारत में चल रहे बाघ संरक्षण परियोजना के विषय में अवगत कराया गया l इस प्रतियोगिता में आकाश शर्मा विजेता रहे l इस प्रतियोगिता का आयोजन संयुक्त रूप से डॉ रश्मि नौटियाल और डॉ नेहा सिंह द्वारा कराया गया l इस प्रतियोगिता के अवसर में डॉ स्मृति कुकसाल , डॉ मंजू रानी , डॉ अक्षय गौतम, डॉ विकास तायल, डॉ सारिका महेश्वरी, डॉ अश्वनी कुमार आदि शामिल रहे l इस प्रतियोगिता का आयोजन संयुक्त रूप से डॉ नेहा सिंह व डॉ रश्मि नौटियाल द्वारा कराया गयाl

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