महाशिवरात्रि पर तय होगी केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि, ओंकारेश्वर मंदिर को आठ कुंतल फूलों से सजाया गया
देहरादून / उखीमठ । महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर मंगलवार को ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में बाबा केदारनाथ के कपाट खोलने की तिथि तय की जाएगी। ओंकारेश्वर मंदिर को आठ कुंतल फूलों से सजाया गया है। इस अवसर पर सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु भगवान के अभिषेक के लिए पहुंचते हैं। मंगलवार प्रातः 11 बजे केदारनाथ के रावल भीमाशंकर लिंग की मौजूदगी में मंदिर समिति के अध्यक्ष, पुजारियों, आचार्य वेदपाठियों, स्थानीय हक-हकूकधारियों, कर्मचारियों और भक्तों की उपस्थिति में दिन तय किया जाएगा। पौराणिक परंपरा के अनुसार महाशिवरात्रि के पर्व पर केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि शीतकालीन पूजा स्थल ओंकारेश्वर मंदिर (उषामठ) में दिन तय किया जाता है। इस अवसर पर रावल केदारनाथ की मौजूदगी में आचार्यगणों द्वारा पूजा अर्चना के साथ वेद मन्त्रोचारण किया जाता है। जिसके बाद आचार्यगणों द्वारा स्थानीय हक-हकूकधारी की उपस्थिति में पंचांग गणना के द्वारा शुभ महूर्त निकाला जाता है। सभी पौराणिक परम्पराओं के निर्वहन के साथ दिन तय करते समय ओंकारेश्वर मंदिर में भैरवनाथ पूजा के लिए दिन,डोली प्रस्थान के लिए मुहूर्त एवं दिन, केदारनाथ धाम के कपाट खुलने का दिन, मुहूर्त व समय, धाम में भैरवनाथ मंदिर के कपाट खुलने के लिए मुहूर्त एवं दिन को प्रमुखता के साथ पंचाग गणना में देखा जाता है।जिसके बाद संस्कृत भाषा में दिन पट्टा (लग्न पत्रिका) तैयार किया जाता है जिसमें सभी परम्पराओं के दिन, मुहूर्त, समय व तिथि को लिखा जाता है। इसके बाद इन सभी प्रक्रियाओं के बाद दिन पट्टे में लिखी गई जानकारियों को आचार्यगणों द्वारा पढ़कर सभी को जानकारी दी जाती है। मंगलवार प्रातः चार बजे से ओंकारेश्वर मंदिर में भगवान भोलेनाथ का महाभिषेक प्रारंभ होगा। दिनभर भक्तों द्वारा अभिषेक के साथ विशेष पूजाएं सम्पन्न की जाएंगी। तत्पश्चात सांयकालीन आरती के बाद रात्रि में साढ़े आठ बजे से चार प्रहरों की पूजा प्रारंभ की जाएगी। इस दौरान मंदिर में भंडारे का आयोजन भी किया जाएगा। इस अवसर पर केदारनाथ रावल भीमाशंकर लिंग, मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय, उपाध्यक्ष किशोर पंवार, मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह, पुजारीगण, आचार्य वेदपाठी गण, स्थानीय हक-हकूकधारी व श्रद्धालु मौजूद रहेंगे।