संविधान का उद्देश्य ही समानता, स्वतन्त्रता, न्याय व बन्धुता बढ़ाने के लिए, मदरहुड विश्वविद्यालय के विधि संकाय ने मनाया संविधान दिवस
रुड़की। विधि संकाय,मदरहुड विश्वविद्यालय, रूड़की में संविधान दिवस के अवसर पर कुलपति प्रोफेसर नरेन्द्र शर्मा के संरक्षत्व में आयोजित कार्यक्रम में देश की महान विभूतियो को याद किया गया । इस दौरान शिक्षको, कर्मचारियों और छात्र, छात्राओं द्वारा संविधान पालन करने की शपथ ली गई। इस दौरान 26/11 के शहीदों को याद करते हुए दो मिनट का मौन रखा गया। इस अवसर पर मदरहुड विश्वद्यिालय के कुलपति प्रो0 (डा0) नरेन्द्र शर्मा ने अपने सम्बोधन में कहा कि यह संविधान हमारे देश की आत्मा है । यह संविधान केवल भारतवर्ष को एक सूत्र में पिरोने का ही कार्य नही करता है बल्कि यह समस्त नागरिकों को कर्त्तव्य निष्ठा,समर्पण, सच्चाई और अनुशासन पर चलने की सीख भी देता हैै। इस दौरान निदेशक, एकेडमिक अफेयर्स, डा0 वी0 के0 सिंह भी उपस्थित रहे। जिनके द्वारा अपने सम्बोधन में भारत के नागरिको के मूल-अधिकारों पर प्रकाश डालते हुए कहा गया कि सभी व्यक्तियों को एक दूसरे के मूल अधिकारों का सम्मान किया जाना चाहिए। इस अवसर पर विधिसंकाय, के विभागाध्यक्ष प्रो0 (डा0) जय शंकर प्रसाद श्रीवास्तव ने कर्मचारीयो,शिक्षको और छात्र,छात्राओें को संविधान पालन करने हेतु शपथ दिलाई,साथ ही अपने सम्बोधन में कहा कि यदि सभी व्यक्तियों द्वारा अपने कर्तव्यों का पालन कर दिया जाय, तो एक दूसरे के अधिकारोें की प्रतिपूर्ति स्वंय हो जायेगी। संविधान दिवस के इस अवसर पर ऑन-लाइन व्याख्यान भी कराया गया जिसके मुख्य वक्ता भारतीय विधि संस्थान के प्रो0 (डा0) अनुराग दीप ने अपने सम्बोधन में सम्पूर्ण संविधान के विकास व उद्देश्य पर प्रकाश डाला, और कहा कि संविधान का उद्देश्य ही समानता, स्वतन्त्रता, न्याय व बन्धुता बढाने के लिये है।
इस दौरान विधिसंकाय के सहायक प्रध्यापक डा0 नित्यानन्द पाण्डये , सपना सिहँ, व्ंयजना सैनी, विनेश शिवा, रेनू तोमर, दिव्या वर्मा, कनिका जोशी, प्रतिभा मलिक, प्रज्ञा सिहँ, सतीश कुमार, अविनाश कुमार बाबु आदि ने अपने अपने विचार व्यक्त किये। इस दौरान कार्यक्रम का संचालन सहायक प्राध्यापक तान्या सिहँ और आभार सहायक प्राध्यापक कनिका जोशी द्वारा किया गया।
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